Tuesday, April 29, 2025

क्रिकेटरों की पत्नियों को लेकर अब बीसीसीआई ने क्या लिया फैसला? कोच गंभीर के मैनेजर पर भी सख्ती

क्या ऑस्ट्रेलिया में भारतीय क्रिकेट टीम के खराब प्रदर्शन के पीछे क्रिकेटरों की पत्नियां थीं? इस सवाल का जवाब निश्चित रूप से सकारात्मक नहीं हो सकता है। लेकिन भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) को लगता है कि क्रिकेटरों के साथ पूरे दौरे के दौरान उनकी पत्नियां या परिवार के दूसरे सदस्य रहने से उनके प्रदर्शन पर प्रभाव पड़ता है। इसलिए बीसीसीआई अब क्रिकेटरों की मर्जी पर कुछ कड़ा प्रतिबंध लगाने जा रहा है।

बोर्ड की समीक्षा बैठक में कड़े फैसले

ये अकसर देखा जाता है कि कप्तान रोहित शर्मा की पत्नी रीतिका सचदेव और विराट कोहली की पत्नी अनुष्का शर्मा तथा अन्य कुछ क्रिकेटरों की पत्नियां मैचों के दौरान उनके साथ रहती हैं। कुछ क्रिकेटरों के परिवार भी दौरे पर साथ जाते हैं। लेकिन अब बीसीसीआई ने इस संबंध में कुछ कड़ाई करने का फैसला किया है। शनिवार को बोर्ड की बैठक हुई थी जिसमें ऑस्ट्रेलिया में हार की समीक्षा की गई थी। हिंदी समाचार पत्र दैनिक जागरण की एक रिपोर्ट के मुताबिक बीसीसीआई अधिकारियों ने नये नियमों को लागू करने का फैसला किया है। इस बैठक में कप्तान रोहित शर्मा, मुख्य कोच गौतम गंभीर, मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर के साथ ही बोर्ड के अधिकारी मौजूद थे।

परिवार अब 7-14 दिनों तक ही साथ रहेगा

रिपोर्ट के मुताबिक बोर्ड अधिकारियों ने यह फैसला किया है कि कोविड काल के पहले क्रिकेटरों के लिए परिवार ले जाने का जो नियम था, वह फिर से लागू किया जाएगा। यानी 45 दिनों के दौरे पर किसी खिलाड़ी के साथ उसकी पत्नी मात्र 14 दिनों तक रह सकती है। अगर दौरा कम दिनों का हुआ तो सात दिन तक पत्नी साथ रहेगी। किसी खिलाड़ी के परिवार के लिए भी यही नियम लागू होगा। खिलाड़ियों को लेकर एक और महत्वपूर्ण फैसला किया गया है कि अब किसी भी दौरे में टीम के पूरे सदस्य एक साथ जाएंगे। किसी भी खिलाड़ी को अलग से या बाद में टीम से जुड़ने की इजाजत नहीं दी जाएगी।

गौतम गंभीर के निजी मैनेजर को लेकर नाराजगी

बीसीसीआई में भारतीय टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर के निजी मैनेजर गौरव अरोड़ा की कार्यशैली को लेकर नाराजगी है। अब बोर्ड उन्हें लेकर सख्त है। गौरव टीम बस में जाते थे। स्टेडियम के वीआईपी बॉक्स में उन्हें देखा जाता था। बीसीसीआई अधिकारी का कहना है कि गौरव ऑस्ट्रेलिया में सेलेक्टर के लिए बुक कार में भी जाते थे जिससे सेलेक्टर असहज महसूस करते थे। यहां कि वह फाइव स्टार होटल में खिलाड़ियों के भोजन कक्ष में पहुंच जाते थे। इनसब को बीसीसीआई अधिकारियों ने अच्छे से नहीं लिया है। इसलिए अब से उन्हें टीम बस में जाने की अनुमति नहीं होगी। न ही वह टीम के होटल में ठहर सकते हैं। वीआईपी बॉक्स में जाने की भी उन्हें अनुमति नहीं होगी। बीसीसीआई टीम के सपोर्ट स्टाफ को लेकर भी फैसला करने जा रहा है। जो स्टाफ लम्बे समय से टीम का हिस्सा हैं, उनकी अब छुट्टी कर दी जाएगी। अब यह तय किया गया है कि सपोर्ट स्टाफ टीम का दो से तीन साल तक ही हिस्सा हो सकता है।

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