बांग्लादेश में पिछले साल जुलाई में हुए छात्र आंदोलन, उससे उपजी हिंसा और प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद देश में बढ़े कट्टरपंथ ने बांग्लादेशियों की मुश्किलों को बढ़ा दिया है। बांग्लादेशियों को अब केवल भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के कई देश अब अपने यहां बिलकुल इंट्री नहीं दे रहे हैं या दे भी रहे हैं तो बहुत सीमित संख्या में।
वियतनाम, कंबोडिया, लाओस जैसे देशों में वीजा बंद
बांग्लादेश में पांच अगस्त को खूनी छात्र आंदोलन के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने देश छोड़ दिया था। उसके बाद भी वहां जुलाई से जारी हिंसक प्रदर्शन चलता रहा और देश में अराजकता की स्थिति पैदा हो गई थी। उस दौरान से ही दुनिया के कई देशों में बांग्लादेशियों के लिए दरवाजे बंद हो गये हैं। द बिजनेस स्टैंडर्ड नामक एक बांग्लादेशी यूट्यूब चैनल में उसके संवादादाता कमरान सिद्दीकी ने बांग्लादेशियों को विदेश जाने में हो रही परेशानियों के संबंध में बताया कि दक्षिण पूर्व के देशों वियतनाम, कंबोडिया एवं लाओस ने पूरी तरह बांग्लादेशियों को वीजा देना बंद कर दिया है। मलेशिया टूरिस्ट वीजा दे रहा है लेकिन वर्क वीजा देना बंद कर दिया है। पर्यटकों के लिए पसंदीदा देश थाईलैंड ने बांग्लादेशियों को बीजा कम कर दिया है। पहले जहां रोज 800 वीजा जारी होता था, अब वहां से 400 हो रहा है। लेकिन ये वीजा मिलने में भी दिक्कत आ रही है। इंडोनेशिया में भी बांग्लादेशियों को वीजा देने में सतर्कता बरती जा रही है। यहां तक चीन अब बांग्लादेशी नागरिकों को वीजा देने से इनकार कर रहा है।
अधिकतर खाड़ी देशों में बांग्लादेशियों को नो इंट्री
कमरान ने बताया कि खाड़ी के कई देशों ने बांग्लदेशी नागरिकों को पूरी तरह से वीजा देना बंद कर दिया है। यूएई में पहले हर महीने 5000 बांग्लादेश जाते लेकिन वहां भी वीजा जारी करने पर रोक लगा दी गई है। दिसंबर में केवल 24 वीजा जारी की गई। बहरीन बिल्कुल वीजा जारी नहीं कर रहा है। ओमान, सऊदी अरब और कतर में सीमित संख्या में वीजा जारी हो रहे हैं। यूएई में 15 लाख बांग्लादेशी काम करते हैं, लेकिन इन लोगों के लिए भी अब वीजा संबंधी समस्या झेलने पड़ रही है। कमरान कहते हैं कि सिर्फ खाड़ी देशों में ही नहीं, यूरोपियन देशों में भी बांग्लादेशी नागरिकों को वीजा की समस्या हो रही है। टर्की और जर्मनी जैसे देशों ने भी जुलाई के बाद से बांग्लादेशी नागरिकों को वीजा जारी करने में अधिक सतर्कता दिखाई है। वीजा की संख्या कम कर दी गई है। केवल आसानी से वीजा मिल रहा है तो दक्षिण एशिया के श्रीलंका, नेपाल, मालदीप और भूटान जैसे देशों से।
भारत ने टूरिस्ट वीजा बिल्कुल बंद किया
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट्स के मुताबिक 2023 में भारत ने 16 लाख बांग्लादेशियों को वीजा जारी किया था। इनमें से 450,000 मेडिकल आधारा पर वीजा थे। लेकिन पिछले साल के पांच अगस्त को शेख हसीना की सरकार गिरने और भारत से रिश्ते खराब होने के बाद बांग्लादेशियों के लिए भारतीय वीजा अब बंद हो गया है। भारत ने टूरिस्ट वीजा देना बंद कर दिया है। विशेष मेडिकल वीजा ही जारी हो रही है, वह भी सीमित संख्या में। अगस्त में वीजा बंद होने से ढाका स्थित भारत के वीजा सेंटर पर बांग्लादेशियों ने प्रदर्शन भी किया था। बांग्लादेश की वर्तमान मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार जिस तरह से भारत विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा दे रही है, उससे उम्मीद नहीं है कि निकट भविष्य में बांग्लादेशियों के लिए पहले की तरह भारत के दरवाजे खुलेंगे।
कट्टरपंथ बढ़ने से बांग्लादेशी की छवि नकारात्मक
बांग्लादेशी पत्रकारों का कहना है कि अब बांग्लादेशी अपने देश में बंद होने की स्थिति में पहुंच गये हैं। उनका कहना कि जिस तरह से जुलाई में हिंसक आंदोलन हुआ और उसके बाद कट्टरपंथियों का वर्चस्व बढ़ा है, उससे दुनियाभर में बांग्लादेश की छवि खराब हुई है। यही वजह है कि बांग्लादेशियों को वीजा नहीं दिया जा रहा हैं, हालांकि कमरान सिद्दीकी यह भी कहते हैं कि खासकर खाड़ी देशों में बांग्लादेशी नागरिक जाते तो हैं लेकिन वे लौटना चाहते हैं अपने देश। इस वजह से भी यूईए, सऊदी अरब, कतर आदि देशों ने बांग्लादेशियों को पहले की तरह वीजा जारी नहीं कर रहे हैं।