पहलगाम आतंकी हमले के बाद से पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर चर्चा में हैं। वह तो पाकिस्तान में सत्ता के केंद्र में रहते ही रहे हैं, लेकिन पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच चरम तनाव के बीच जनरल मुनीर की भी चर्चा हो रही है क्योंकि वह भारत के किसी हमले के खिलाफ लगातार जवाबी हमले का धौंस दिखा रहे हैं। उनके वक्तव्यों और चेतावनियों ने भारत-पाकिस्तान संबंधों में तनाव को और बढ़ाया है, जिससे क्षेत्रीय शांति और स्थिरता पर प्रभाव पड़ा है।
भारत और हिंदुओं के खिलाफ नफरती भाषण
जनरल मुनीर ने भारत के प्रति विरोध और आलोचना के कई अवसरों पर तीखे बयान दिए हैं, जिनमें उन्होंने भारत की बीजेपी नेतृत्व वाली सरकार की नीतियों, विशेषकर हिंदुत्व विचारधारा और कश्मीर मुद्दे को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। इस साल अप्रैल में जनरल मुनीर ने दो-राष्ट्र सिद्धांत का समर्थन करते हुए कहा कि मुसलमान और हिंदू दो अलग-अलग राष्ट्र हैं। उनके भाषण भारत और हिंदुओं के नफरत से भरे थे जिसकी भारत में काफी आलोचना हुई। उनके इस बयान को भारत में उकसावे के रूप में देखा गया। उनके इस भाषण के कुछ दिन बाद ही पहलगाम में आतंकी हुआ जिसमें 25 हिंदुओं की हत्या की गयी, इसलिए कि वे हिंदू थे। जनरल मुनीर ने अपने अप्रैल के भाषण के पहले नवंबर 2024 में इस्लामाबाद में आयोजित “मार्गल्ला डायलॉग 2024” में भी एक भाषण दिया था जिसकी चर्चा हुई थी। जनरल मुनीर ने भारत की “हिंदुत्व” विचारधारा को अल्पसंख्यकों के लिए खतरनाक बताया था। उन्होंने कहा था कि यह विचारधारा न केवल भारत में, बल्कि अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा जैसे देशों में भी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए खतरा बन गई है।
कश्मीर को दुखती रग बताया
जनरल मुनीर ने कश्मीर को लेकर भारत की नीतियों की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर में की जा रही कार्रवाई हिंदुत्व विचारधारा का हिस्सा है और यह क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा है। वे यहीं नहीं रुके थे, बल्कि अप्रैल वाले भाषण में कहा था कि कश्मीर पाकिस्तान का दुखता रग है। बहरहाल जनरल मुनीर ने भारत को चेतावनी दी है कि यदि भारत ने कोई “सैन्य दुस्साहस” किया, तो पाकिस्तान उसकी “कड़ी और निर्णायक प्रतिक्रिया” देगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सेना देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है।
सेना प्रमुख बनने से पहले रहे आईएसआई चीफ
जनरल आसिम मुनीर पाकिस्तान के 17वें सेना प्रमुख (Chief of Army Staff) हैं, जिन्होंने 29 नवंबर 2022 को यह पदभार संभाला था। जनरल मुनीर का जन्म 1968 में रावलपिंडी, पाकिस्तान में हुआ था। उन्होंने मंगला स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग स्कूल से सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त किया, जहाँ उन्हें सर्वश्रेष्ठ कैडेट के रूप में “स्वॉर्ड ऑफ ऑनर” से सम्मानित किया गया। यह सम्मान प्राप्त करने वाले वे पहले सेना प्रमुख हैं। जनरल मुनीर पाकिस्तान के पहले ऐसे सेना प्रमुख हैं जिन्होंने दोनों प्रमुख खुफिया एजेंसियों—मिलिट्री इंटेलिजेंस (MI) और इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI)—का नेतृत्व किया है। उन्होंने 2017 में MI के महानिदेशक और 2018 में ISI के महानिदेशक के रूप में कार्य किया। हालांकि, ISI में उनका कार्यकाल केवल आठ महीने का था, जिसे तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ मतभेदों के कारण समाप्त कर दिया गया ।
पांच साल के कार्यकाल वाले पहले सेना प्रमुख
जनरल मुनीर की नियुक्ति के समय एक तकनीकी चुनौती थी—उनकी सेवानिवृत्ति की तारीख 27 नवंबर 2022 थी, जबकि सेना प्रमुख का पद 29 नवंबर को खाली हो रहा था। इस स्थिति से निपटने के लिए, उन्हें तत्काल प्रभाव से चार सितारा जनरल के पद पर पदोन्नत किया गया, जिससे वे समय पर सेना प्रमुख का पद संभाल सकें। नवंबर 2024 में, पाकिस्तान की संसद ने एक कानून पारित किया, जिससे सेना प्रमुख का कार्यकाल तीन साल से बढ़ाकर पांच साल कर दिया गया। इस संशोधन के परिणामस्वरूप, जनरल मुनीर का कार्यकाल अब 2027 तक बढ़ा दिया गया है।
मुल्ला जनरल की पदवी
जनरल मुनीर को हाफ़िज़-ए-कुरान बताया जाता है। उन्हें पाकिस्तान के इतिहास में पहला ऐसा सेना प्रमुख माना जाता है। इसलिए उन्हें मुल्ला जनरल भी कहा जाता है। वे धार्मिक दृष्टिकोण से रूढ़िवादी माने जाते हैं। उनके हर भाषण में भारत के प्रति ईर्श्या और नरफर भरे होते हैं।