पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने कई बार कोशिश कि उसके विधायक-सांसद देश के अन्य हिस्सों में भी हों और वह राष्ट्रीय पार्टी कहलाये। इसके लिए त्रिपुरा से लेकर गोवा तक के दूसरी पार्टी के नेताओं को तृणमूल कांग्रेस में शामिल कराया गया। अब इस कड़ी में नया नाम केरल का भी जुड़ गया है जहां से एक निर्दलीय मुस्लिम विधायक को पार्टी में शामिल कराया गया है।
अभिषेक के हाथों अनवर का तृणमूल में आगमन
तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने एक्स पर उनकी पार्टी द्वारा किये एक पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए केरल के निर्दलीय विधायक पीवी अनवर का पार्टी में स्वागत किया है। अनवर को शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस का विधिवत मेंबर बनाया गया। स्वयं अभिषेक बनर्जी ने उन्हें उत्तरीय पहना कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल कराया। अभिषेक ने लिखा है कि केरल के निलांबूर से विधायक पीवी अनवर ने केरल में सार्वजनिक सेवा और जनता के अधिकारियों के लिए काम किया है। हम मिलकर तरक्की की तरफ कदम बढ़ाएंगे।
लेफ्ट के समर्थन से अनवर बने थे विघायक
लेफ्ट पार्टी के सहयोग से अनवर विधायक चुने गये थे वह सबसे पहले 2016 में लेफ्ट पार्टी के समर्थन से ही चुने गये थे। उसके बाद साल 2021 में भी वह लेफ्ट के ही समर्थन से चुनाव जीते थे। लेकिन अब जब अगले साल फिर से चुनाव है तो उसके पहले उन्होंने पश्चिम बंगाल में लेफ्ट को सत्ता से उखाड़ फेंकने वाली तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया। दरअसल केरल की लेफ्ट सरकार के साथ उनका टकराव चल रहा था। उन्होंने कई मौके पर मुख्यमंत्री पी विजयन की आलोचना की है। उनपर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। मामला इतना बिगड़ गया कि एक मामले में उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था। उसके बाद से वह किसी मजूबत पार्टी से जुड़ने के लिए प्रयास कर रहे थे। उनकी तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी डीएमके और कांग्रेस से भी बातचीत हुई लेकिन मामला नहीं फीट बैठा। अंत में उन्होंने देश में एक मजबूत नेता के तौर पर पहचान रखने वाली और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया। और इसके लिए सहारा लिया ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी का। अभिषेक इन दिनों तृणमूल में नेता नंबर दो हैं और काफी प्रभावशाली हैं।
अनवर को पार्टी में शामिल कर तृणमूल को क्या मिलेगा?
बंगाल की प्रमुख विपक्षी और दूसरी सबसे पार्टी भारतीय जनता पार्टी इसे ज्यादा तवोज्जों नहीं दे रही है लेकिन बंगाल के राजनीतिक गलियारे में कहा जा रहा है कि तृणमूल कांग्रेस अनवर के जरिये यह संदेश देना चाहती है कि देशभर में उसकी स्वीकार्ता है। साथ ही एक बाहरी मुस्लिम नेता के पार्टी में आने से बंगाल के मुस्लिमों में तृणमूल के प्रति और विश्वास बढ़ेगा। अगले साल बंगाल में विधानसभा चुनाव होने हैं, इसे देखते हुए ममता बनर्जी की पार्टी जनता को भी यह मैसेज देना चाहती है कि उनकी नेता की लोकप्रियता बंगाल से आगे भी है।