Sunday, August 10, 2025

बांग्लादेश ने क्या भारत से युद्ध लड़ने की तैयारी शुरू की? तुर्की से खरीदेगा 26 तुलपार टैंक

बांग्लादेश दिन पर दिन भारत को चिढ़ाने की कोशिश में लगा है। प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश छोड़कर जाने के बाद बांग्लादेश में बीएनपी और जमात जैसी पार्टियों के नेता भारत के खिलाफ जहर उगल रहे थे। वहीं अंतरिम बांग्लादेशी सरकार ने भारत के दुश्मन पाकिस्तान के साथ नजदीकियां बढ़ानी शुरू कर दी है। अब वह तुर्की से टैंक हासिल करने में लगा है जबकि बांग्लादेश को कभी भी भारत द्वारा आक्रमण करने का अंदेशा नहीं रहा है। एक बड़ा सवाल है कि क्या बांग्लदेश भारत के साथ युद्ध की तैयारी कर रहा है।

भारतीय सीमा पर तुर्की निर्मित टैंक तैनात करने की तैयारी

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दिनों बांग्लादेश ने तुर्की निर्मित निगरानी और लड़ाकू ड्रोन बेकरतार को भारतीय सीमा के निकट तैनात किया था। अब उसने तुर्की से ही 26 तुलपार टैंक हासिल करने का प्रयास शुरू कर दिया है। यह टैंक तुर्की और इटली द्वारा सयुक्त रूप से विकसित किया गया है और बांग्लादेश जैसे नदी-नालों और बाढ़ प्रभावित देश के लिए बिलकुल मुफीद है। इस टैंक से बांग्लादेश को अतिरिक्त रणनीतिक और सामरिक फायदा मिलेगा। हालांकि रक्षा विशेषज्ञ बांग्लादेश द्वारा इस टैंक को हासिल करने को सैन्य आधुनिकीकरण से परे देख रहे हैं। उनका मानना है कि बांग्लादेश अब अपनी रणनीतिक और विदेश नीतियों में बदलाव कर रहा है। विशेषज्ञों का कहना है  कि बांग्लादेश कभी भारत से युद्ध में टिक नहीं सकता है लेकिन वह टैंक हासिल कर भारत को एक मैसेज देना चाहता है।

बांग्लादेश की रणनीतिक व विदेश नीति में परिवर्तन

बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद वहां की स्थिति पूरी तरह से भारत के खिलाफ दिखाई दे रही है। मोहम्मद यूनुस वाली अंतरिम सरकार में शामिल लोग ऐसे बयानबाजी कर रहे हैं जो भारत को उकसाने वाली रही है। इस सरकार की पाकिस्तान और चीन के साथ ज्यादा घनिष्ठता की प्रतिब्धता दिखाई दे रही है। कोलकाता में पूर्व सैन्य अधिकारी ब्रिगेडियर देवाशिष दास ने बांग्ला चैनल एबीपी आनंद से बात करते हुए कहा कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकर पर कट्टरपंथी पार्टी जमात का प्रभाव बढ़ गया है। जमात हमेशा से पाकिस्तान को प्राथमिकता देती रही है। जमात नेता ही भारत विरोध में सबसे ज्यादा मुखर हैं और उकसाने वाली बातें कर रहे हैं। हालांकि ब्रिगेडिया दास का मानना है कि भले बांग्लादेश कितना भी कुछ कर लें, लेकिन वह भारत का सामना नहीं कर सकता है। यहां तक कि अगर पाकिस्तान और बांग्लादेश मिलकर भी लड़े तो वह भारत को पूर्वोत्तर से जोड़ने वाले चिकेन नेक कॉरिडोर को छिन नहीं सकते हैं।

तुर्की का बांग्लादेश के प्रति झुकाव

बांग्लादेश के ताजा घटनाक्रम ने तुर्की को दक्षिण एशिया में अपनी रणनीतिक प्रभाव बढ़ाने का मौका दे दिया है। यही कारण है कि तुर्की बांग्लादेश के साथ सैन्य साझीदारी कर रहा है। वहीं पाकिस्तान को भी अब मौका मिला है बांग्लादेश में पैठ जमाने का। उसने बांग्लादेशी फौज को ट्रेनिंग और अन्य सैन्य सहायता भी देने की बात कही है। ऐसे में पूर्वी सीम पर भारत के लिए बांग्लादेश एक नई रणनीतिक चुनौती बन कर उभरा है।

Latest news
Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here