सिडनी टेस्ट में आसानी से भारत को हराने के बाद ऑस्ट्रेलिया ने 10 सालों के बाद Border–Gavaskar_Trophy पर कब्जा कर लिया है। रविवार को सिडनी टेस्ट के तीसरे दिन ही भारत को ऑस्ट्रेलिया ने चार विकेट से हरा दिया और सीरीज पर 3-1 से कब्जा कर लिया। इस हार में भारतीय बल्लेबाजों की नाकामी सबसे बड़ी वजह रही। पूर्व क्रिकेटर और कमेंटेटर सुनील गावस्कर ने इस हार के लिए पूरी तरह से भारतीय बल्लेबाजी की नाकामी को वजह बताया है।
टॉप बल्लेबाज टेक्निकली रहे फेल
सुनील गावस्कर ने मैच के बाद स्पोर्ट्स स्टार पर बात करते हुए कहा कि भारतीय बल्लेबाज न तो तकनीकी रूप से सटिक दिख रहे थे और न ही मानसिक रूप से मजबूत। 20 विकेट लेने के लिए रन चाहिए, लेकिन भारतीय बल्लेबाजों के बल्ले से रन नहीं आये। बल्लेबाजों ने बॉलरों का साथ नहीं दिया जबकि गेंदबाजों से ज्यादा बल्लेबाज बड़े स्टार हैं, उनके नाम हैं। टेस्ट क्रिकेट के लिए तकनीक होना चाहिए, लेकिन टॉप बल्लेबाजों में यह नहीं दिखा। विकेट फेंक कर आप टेस्ट नहीं जीत सकते हैं। विकेट कैसी भी हो, आप काम है टीके रहना। टेस्ट मैच पांच दिनों का होता है। गावस्कार ने भारतीय बल्लेबाजी की आलोचना करते हुए कहा कि पहले कभी ऐसा नहीं हुआ। बल्लेबाजों ने विपक्षी गेंदबाजों को थकाया नहीं। वे आते ही प्रहार करने में लग जाते जिससे नतीजा हुआ कि उन्होंने अपना विकेट सस्ते में गंवा दिया।
आठ नंबर तक बैटिंग रखने का फायदा नहीं मिला
महान टेस्ट बल्लेबाज सुनील गावस्कार ने आठ नंबर तक बल्लेबाजी क्रम रखने के निर्णय की आलोचना की। उन्होंने कहा कि आपने एक बल्लेबाज को कम कर गेंदबाज को खिलाया और उससे आशा कि वे रन बनाये। यह एक दो बार काम आया लेकिन सभी मैचों में बॉलर बल्लेबाजों (नीतीश रेड्डी- वाशिंगटन सुंदर) ने रन नहीं बनाये। गावस्कार ने इस बात के लिए टीम प्रबंधन की आलोचना की कि भारतीय टीम में 19 खिलाड़ी थे। उन्होंने कहा कि ज्याद से ज्यादा 16 खिलाड़ी होने चाहिए थी। बाकी खिलाड़ियों को लाने की क्या जरूरत थी।
बैटिंग कोचिंग स्टाफ से हो सवाल
गावस्कार ने भारतीय टीम के बल्लेबाजी कोचिंग स्टॉफ पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि जब बल्लेबाज फेल रहो रहे थे तो वे क्या कर रहे थे। यह साफ दिख रहा था कि बल्लेबाजों में तकनीक की कमी है। यह समस्या न्यूजीलैंड सीरीज से दिख रही थी। बैटिंग कोच को इस पर ध्यान देना चाहिए था। अगर बल्लेबाज 50 ओवर के अंदर ही आउट हो जाएंगे तो फिर गेंदबाज क्या करेगा। इसलिए अगर बैटिंग फेल हुई तो बैटिंग कोच से सवाल किया जाना चाहिए। मैं तो यहां तक कहूंगा कि इस बैटिंग कोच को भविष्य में आगे रखना भी है की नहीं, इस पर विचार किया जाना चाहिए।
कड़ा निर्णय का समय
गावस्कार ने ऑस्ट्रेलिया में मिली करारी हार को देखते हुए कड़े निर्णय लेने की बात कही है। उन्होंने कहा कि अभी जून में इंग्लैंड का दौरा होना है। इस दौरे से पहले यह देखना चाहिए कि कौन अच्छी बैटिंग कर सकता है। केवल बड़े नाम होने से ही उन्हें टीम में रखना उचित नहीं होगा। सबसे जरूरी बात कि अगले टेस्ट विश्व चैंपियनशिप की तैयारी के मद्देनजर टीम बनानी चाहिए। गावस्कार ने साथ ही यह भी कहा कि खिलाड़ियों को घेरलू रेड बॉल मैचों को खेलने के लिए कहना चाहिए, जबकि ऐसा नहीं हो रहा है। यह तय किया जाना चाहिए कि आने वाले रणजी मैचों में जो खिलाड़ी टी20 टीम में नहीं होंगे, उन्हें रणजी ट्रॉफी खेलना होगा। गौतम गंभीर को यह स्पष्ट कर देना चाहिए कि जो रणजी ट्रॉफी के मैच नहीं खेलेगा, उसकी टीम में जगह नहीं होगी।
भारत में भी हो पिंक बॉल का मैच
पूर्व भारतीय दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने इस बात पर जोर दिया कि भारत में पिंक बॉल टेस्ट होना चाहिए। अगर ऑस्ट्रेलिया में यह पहले ही तय था कि पिंक बॉल टेस्ट होगा तो भारत ने क्यों नहीं न्यूजीलैंड दौरे के समय एक मैच पिंक बॉल मैच कर इसकी तैयारी की। गावस्कर ने इस बात पर अफसोस जताया कि उनकी बातों को कोई (बीसीसीआई) गंभीरता से नहीं लेता है। हम जो कहते हैं, उस पर ध्यान नहीं दिया जाता है।