पाकिस्तान के साथ 1965 और 1971 के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले भारतीय वायुसेना के युद्धक विमान मिग-21 अब रिटायर होने जा रहा है। आगामी सितंबर महीने में भारतीय वायुसेना में 62 वर्ष तक सेवा देने वाले मिग-21 को रिटायर कर दिया जाएगा। लेकिन इस रसियन फाइटर जेट रिटायर होने से पहले अब तक भारतीय वायुसेना के 171 पायलटों और 40 आम भारतीय लोगों की भी जान ले चुका है। दरअसल फाइटर जेट के दुर्घटनाग्रस्त होने से ही वायुसेना के पायलटों और आम लोगों की जान गयी है। अपने ही लोगों की इतनी मौतों की वजह से इस फाइटर जेट को फ्लाइंग कफिन भी कहा जाने लगा था।
1962 में चीन के साथ युद्ध के बाद भारत ने अपनी वायुसेना को मजबूत करना शुरू किया और रूस से फाइटर जेट खरीदने का फैसला किया। 1963 में भारत को रूस से पहला मिग-21 जेट मिला था। तब यह रूसी फाइटर जेट काफी काबिल माना जाता था। रूस से दोस्ती की वजह से भारत को अपने यहां मिग-21 बनाने का लाइसेंस मिल गया जिसके बाद भारत में यह फाइटर जेट बनने लगा। जल्द की भारत को मिग-21 को उपयोग करने का मौका भी मिला। दरअसल 1965 में पाकिस्तान के साथ युद्ध में इस विमान ने भारत को पाकिस्तान पर बढ़त दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई और इस युद्ध में भारत की जीत संभव हो पायी। उसके बाद जब 1971 में फिर से पाकिस्तान के साथ युद्ध छिड़ा तो उस समय में भी मिग-21 का भारतीय वायुसेना ने व्यापक इस्तेमाल किया। दरअसल उस समय भारत के पास यही सबसे प्रमुख युद्धक विमान था। इतना ही नहीं, पाकिस्तान के साथ 1999 के कारगिल युद्ध और 2019 में पुलवामा आतंकी घटना के बाद पाकिस्तान पर हमले के लिए भी मिग-21 का इस्तेमाल वायुसेना ने किया। 2019 में विंग कमांडर अभिनंदन मिग-21 उड़ाते हुए ही पाकिस्तानी सीमा में प्रवेश कर गये जहां उनके विमान को मार गिराया गया। अभिनंदन को बंदी बना लिया गया था लेकिन जल्द ही उन्हें पाकिस्तान भारत द्वारा मिसाइल हमले के डर से छोड़ने को मजबूर हुआ था।
मिग-21 निश्चित रूप से भारत के लिए बहुत काबिल साबित हुआ था लेकिन यह विमान दुर्घटनाओं की वजह से भारतीय वायुसेना के पायलटों के लिए दुश्मन से भी ज्यादा खतरनाक बन गया था। 1970 के बाद से एक के बाद एक कई मिग-21 विमान दुर्घटनाग्रस्त होते रहे। 2010 से 2013 के बीच तो 13 बार मिग-21 दुर्घटना के शिकार हुए। इस तरह अबतक मिग-21 के दुर्घटना होने के कारण अब तक भारतीय वायु सेना के 170 पायलट और 20 आम नागरिक मारे जा चुके हैं। इस कारण मिग-21 को प्लाइंग कफिन भी कहा जाने लगा था। 2006 में मिग-21 को लेकर रंग दे बसंती नाम से फिल्म भी थी जो वायुसेना के पायलट अभिजीत गाडगिल के जीवन पर आधारित थी। 2001 में गाडगिल मिग-21 उड़ाते हुए दुर्घटना के शिकार हुए थे और उनकी जान चली गई थी। फिल्म में गाडगिल की भूमिक आर माधवन ने निभाई थी। फिल्म में आमिर खान और सोहा अली खान भी प्रमुख भूमिका में थे।
बहरहाल भले मिग-21 रिटायर हो जाएगा, लेकिन भारत के पास अब भी मिग श्रेणी का मिग-29 फाइटर जेट है। मिग-29 ने मई महीने में पाकिस्तान पर हमला करने में बड़ी भूमिका निभाई थी। पांच दिन के युद्ध के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने पंजाब स्थित एयरबेस पर वायुसेना पायलटों को संबोधित किया था तो उनके पीछे मिग-29 विमान भी था।