अमेरिका के प्रतिष्ठित येल लॉ स्कूल में जब पहली बार जेडी वेंस और उषा चिलीकुरी मिले थे, तब उन्हें यह अनुमान नहीं होगा कि जेडी एक दिन अमेरिका के उपराष्ट्रपति होंगे और उषा उनकी पत्नी होंगी जो सेकेंड लेडी कहलायेंगी। आज यह सच्चाई है। नौ महीने पहले जब जेडी वेंस को डोनाल्ड ट्रंप ने अपना उपराष्ट्रपति उम्मीदवार चुना था, तब से ही उषा लाइमलाइट में आयी हैं और उनके बारे में लोगों ने अच्छी तरह से जानना शुरू किया।
प्रतिष्ठित स्कूल में चढ़ा प्रेम परवान
दरअसल जेडी वेंस और उषा वेंस की प्रेम कहानी एक प्रेरणादायक और दिल को छू लेने वाली दास्तान है, जो यह दिखाती है कि प्यार, समझ और साथ होने से कोई भी फ़ासला या भिन्नता मायने नहीं रखती। यह प्रेम कहानी 2010 में अमेरिका के प्रतिष्ठित येल लॉ स्कूल में परवान चढ़ी थी और आगे जाकर शादी में तब्दील हुई। जेडी एक संघर्षशील पृष्ठभूमि से थे, ओहायो और केंटकी के गरीब परिवार से ताल्लुक रखते थे। वहीं उषा एक भारतीय-अमेरिकी हिंदू परिवार से आती थीं। वह बेहद मेधावी तथा आत्मविश्वासी छात्रा थीं। हालाँकि उनकी सांस्कृतिक पृष्ठभूमियाँ अलग थीं, लेकिन दोनों के मूल्य—शिक्षा के प्रति समर्पण, मेहनत और ईमानदारी—एक जैसे थे। उन्होंने अपने जीवन के संघर्षों, सपनों और डर को एक-दूसरे से साझा किया। उषा ने जेडी को येल जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में आत्म-विश्वास के साथ टिकने में मदद की।
दूसरी मुलाकात में ही प्रेम प्रस्ताव
धीरे-धीरे दोनों के बीच दोस्ती गहरी हुई और वह एक-दूसरे की ताक़त बन गए। उषा ने न केवल जेडी का आत्मविश्वास बढ़ाया, बल्कि उन्हें यह भी समझाया कि वह जितने काबिल हैं, उतना ही उन्हें खुद पर यक़ीन रखना चाहिए। जेडी ने अपनी बायोग्राफी Hillbilly Elegy में भी लिखा है कि उषा उनके जीवन में एक स्थिर और समझदार ताकत रही हैं। इस किताब में ही जेडी ने लिखा है कि उन्होंने दूसरी मुलाकात में ही अपने प्रेम का इजहार कर दिया था। और उषा को जेडी साफ दिल के लगे थे। इसलिए जब राष्ट्रपति चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप ने जेडी को उपराष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित किया तो एक सभा में उषा को अपने पति जेडी का परिचय देने को कहा गया तो उन्होंने यह कहा था कि जेडी जो काम करते हैं दिल से करते हैं और इसलिए वह अच्छे उपराष्ट्रपति साबित होंगे।
उषा ने जेडी को किया प्रेरित
बहरहाल जेडी वेंस और उषा ने 2014 में शादी की। आज उनके तीन बच्चे हैं। उपराष्ट्रपति बनने के पहले जेडी अमेरिकी सीनेटर थे, जबकि उषा एक कुशल वकील। जेडी के सीनेटर बनने से लेकर उपराष्ट्रपति बनने तक उषा हमेशा उनके साथ खड़ी रही हैं। चाहे वह उनका लेखन करियर हो, राजनीति में आना हो या व्यक्तिगत जीवन की चुनौतियां। उषा ने जेडी को ये यक़ीन दिलाया कि उसके अतीत की कहानी ही उसकी सबसे बड़ी ताक़त है। उषा ने जेडी को समझा, संभाला और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने न केवल एक-दूसरे का हाथ थामा, बल्कि एक-दूसरे के सपनों में जान फूँकी।
परस्पर सम्मान
जेडी वेंस ने Hillbilly Elegy नामक किताब लिखी जिनसे उनको शोहरत मिली। यह केवल एक किताब नहीं थी, बल्कि अमेरिका के अनसुने तबके की आवाज़ थी। उस आवाज़ के पीछे उषा की हिम्मत और स्थिरता थी। जब जेडी ने राजनीति में कदम रखा, तो उषा उनके हर निर्णय में उसके साथ खड़ी रहीं। आज दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस जहां भी जाते हैं, उनकी परछाई और अदृश्य ताकत बनकर उषा साथ रहती हैं। जेडी और उषा के तीन बच्चे हैं- इवान, विवेक और मिराबेल। अपने इन तीनों बच्चों के साथ जेडी और उषा ने 21 अप्रैल 2025 से चार दिवसीय अपनी पहली भारत यात्रा आरंभ की है, भारत वह देश जहां उषा की जड़ें हैं और वेंस के सपने। ( Photo – X )
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