बैंकॉक में मोदी से मिलना चाहते हैं यूनुस, क्या यूनुस से मिलेंगे मोदी?

चीन में जाकर भारत को चिढ़ाने वाला काम करने वाले बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस अब भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलना चाहते हैं। आखिर वह पीएम मोदी से मिलकर कर क्या कहना चाहते हैं? यह तो जाहिर नहीं किया गया है। लेकिन बांग्लादेश सरकार की तरफ से दिल्ली को संदेशा भेजा गया है कि बैंकॉक में होने वाले  अप्रैल को बिम्सटेक समिट में यूनुस मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक करना चाहते हैं। चार अप्रैल को बैंकॉक में बिम्सटेक समिट प्रस्तावित है।

भारत ने पहले ही कह दिया है कि है कि बैंकॉक में पीएम मोदी की किसी भी देश के साथ द्विपक्षीय बैठक करने की योजना नहीं है। पीएम मोदी केवल समिट में हिस्सा लेंगे। बावजूद इसके बांग्लादेश की तरफ से मोदी के साथ बैठक का अनुरोध किया गया है। यह अनुरोध ऐसे समय में किया गया है जब यूनुस द्वारा चीन यात्रा के दौरान भारतीय संप्रभुता के खिलाफ बयान दिया गया। यूनुस ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बैठक में कहा था कि भारत का सेवन सिस्टर ( पूर्वोत्तर के सात राज्य) लैंड लॉक्ड हैं और चीन बांग्लादेश के समुद्र का इस्तेमाल कर वहां तक पहुंच सकता है। यूनुस का यह बयान आने के बाद भारत की तरफ से तीव्र विरोध जताया गया है। बहरहाल इनसब के बावजूद बांग्लादेश के विदेश सचिव मोहम्मद जसीम का कहना है कि हमें उम्मीद है कि पीएम मोदी जरूर मोहम्मद यूनुस के साथ बैंकॉक में मिलेंगे और बैठक करेंगे।

गौरतलब है कि पिछले साल पांच अगस्त को प्रधानमंत्री शेख हसीना के छात्र विद्रोह के बाद देश छोड़ कर भारत में शरण लेने के बाद बांग्लादेश में विपक्षी पार्टियों और छात्र संगठनों ने मिलकर अंतरिम सरकार का गठन किया था और इस सरकार को चलाने का जिम्मा नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को दिया है। लेकिन शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद से बांग्लादेश में भारत विरोध की भावनाएं भड़कायी गयीं। हिंदुओं के खिलाफ हिंसा हुई। स्वयं यूनुस भारत के खिलाफ बयान देने में आगे रहे थे। तो ऐसे में अभी तक भारत सरकार द्वारा यूनुस सरकार को शेख हसीना तरह तरजीह नहीं दी जा रही है। इसलिए यूनुस से अभी तक किसी भारतीय नेता ने भेंट नहीं की है। हालांकि यूनुस सरकार की तरफ से दिसंबर में दिल्ली दौरा कर पीएम मोदी से मिलने का आग्राह किया गया था, लेकिन भारत सरकार ने उनके आग्रह को तरजीह नहीं दी है। स्वयं बांग्लादेश सरकार के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने द हिंदू से कहा है कि चीन सफर से बहुत पहले यूनुस ने भारत का दौरा करने की इच्छा प्रकट की थी। दिसंबर में बांग्लादेश सरकार की तरफ से भारत को संदेश दिया गया था लेकिन भारत ने हमारे इस आग्रह को महत्व नहीं दिया। उसके बाद ही यूनुस ने चीन का सफर करने की योजना बनायी।

आखिर मोहम्मद यूनुस पीएम मोदी से क्यों मिलना चाहते हैं? प्रेक्षकों का मानना है कि भारत में शरण ले रखीं पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को बांग्लादेश वापस भेजने के लिए बांग्लादेश लगातार मांग करता रहा है। लेकिन भारत ने यूनुस सरकार की इस मांग को कभी महत्व नहीं दिया और हसीना के मुद्दे पर खामोशी बनायी रखी। संभवतः यूनुस मोदी से मिलकर हसीना के प्रत्यर्पण की मांग रखना चाहते हैं।