रविवार को चैंपियंस ट्रॉफी के लिए खेले गये मैच में पाकिस्तान को भारत के हाथों क्या करारी हारी मिली कि पूरे पाकिस्तान में कोहराम मचा हुआ है। चैंपियंस ट्रॉफी से पाकिस्तान के बाहर होने के बाद तो वहां मातम सा माहौल है। पूर्व क्रिकेटर से लेकर आम लोग पाकिस्तानी क्रिकेटरों के साथ ही पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अधिकारियों और चयनकर्ताओं पर अपना गुस्सा निकाल रहे हैं। रावलपिंडी एक्सप्रेस के नाम से अपने जमाने में मशहूर रहे शोएब अख्तर तो खासे मायूस दिखायी दिये। और, इस मायूसी में उन्होंने पाकिस्तानी टीम के कप्तान मोहम्मद रिजवान को ‘एबनॉर्मल’ और बाबर आजम को ‘फ्रॉड’ तक कह दिया।
पूर्व पाकिस्तानी तेज गेंदबाज शोएब अख्तर एक टीवी शो के दौरान भारत-पाकिस्तान मैच पर चर्चा में हिस्सा ले रहे थे। उस दौरान वह बाबर आजम की विराट कोहली से तुलना पर काफी भड़के दिखाये दिये। उन्होंने बाबर और विराट की तुलना को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि हम अकसर बाबर और विराट कोहली की तुलना पाकिस्तान में सुनते हैं। लेकिन कोहली का हीरो कौन है। वह सचिन तेंदुलकर हैं। वह व्यक्ति जो सौ अंतरराष्ट्रीय शतक लगा चुका है। कोहली अपने हीरो का अनुशरण कर रहे हैं।
शोएब ने उसके बाद चर्चा में हिस्सा ले रहे पूर्व क्रिकेटर शोएब मलिक और मोहम्मद हफीज से पूछा, ‘लेकिन बाबर आजम का रोल मॉडल कौन है? क्या किसी क्रिकेटर का नाम लिया जा सकता है? लेकिन आपने गलत रोल मॉडल चुना है। आपकी सोच ही गलत है। शुरू से ही आप फ्रॉड कर रहे हैं।’ शोएब अख्तर बाबर आजम की बल्लेबाजी के तरीके से काफी नाराज दिखायी दिये। बाबर ने पहले न्यूजीलैंड के साथ मैच में अर्धशतक तो बनाया लेकिन इसके लिए काफी डॉट गेंदे खेलीं। वहीं भारत के खिलाफ केवल 26 गेंद खेलकर 23 रन बनाये थे। शोएब ने यह भी कहा, ‘बाबर को जो प्रोडक्ट बनना था वह बन गये। वह तो दिख रहा न। इस पर मैं क्या डिबेट करूं। अब आपके पास ठीक होने का इरादा ही नहीं है।’
शोएब अख्तर के निशाने पर पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के कप्तान मोहम्मद रिजवान भी थे। उन्होंने पाकिस्तान के सरकारी चैनल पीटीवी से बात करते हुए भारत के हाथों मिली पाकिस्तान की हार को शर्मनाक बताया और पूरे क्रिकेट सिस्टम को इसके लिए जिम्मेवार बताया। उन्होंने कहा, ‘हमारे पास खिलाड़ियों के खिलाफ निजी एजेंडा चलाने का कोई मकसद नहीं है। अगर मुझे पैसा नहीं मिलता तो मैं यहां बैठक कर पाकिस्तान क्रिकेट के संबंध में बात नहीं कर रहा होता। मेरा इस टीम से कोई मतलब नहीं है। मैं 2011 से यह कर रहा हूं और ऐसी बातें भी बोल रहा हूं। 2011 से मैं यह (पाकिस्तान टीम की ) दुर्गति देख रहा हूं। अगर आप एबनॉर्मल व्यक्ति को कप्तान बना देंगे, अपरिचित लोगों को चयनकर्ता बना देंगे, तो यही रिजल्ट देखने को मिलेगा। मैंने पहले ऐसे कप्तानों के साथ काम किया है जिनका व्यक्तित्व दिन में तीन बार बदल जाता था।’
दरअसल शोएब अख्तर 2011 में रिटायरमेंट के बाद से ही कमेंट्री कर रहे हैं। वह भारतीय चैनलों के लिए कमेंट्री करते रहे हैं और पाकिस्तान टीम की कमजोरियों और नाकामियों पर खुलकर बोलते रहे हैं।