साढ़े पांच महीने पहले कोलकाता के आरजी कर अस्पताल की ट्रेनी महिला डॉक्टर से रेप और हत्या के मामले में सोमवार को सियालदह कोर्ट ने अभियुक्त संजय राय को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है। शियालदह कोर्ट के न्याायधीश अनिवार्ण दास ने दिन के पौने तीन बजे सजा का ऐलान करते हुए कहा कि महिला ट्रेनी डॉक्टर से जुड़ा रेप-हत्या मामला रेयरेस्ट ऑफ द रेयर नहीं है, उसलिए अभियुक्त को मृत्युंदड की सजा नहीं दी जा रही है। बल्कि उसे आजीवन कारावास की सजा दी जा रही है। साथ ही न्यायाधीश ने पीड़िता के परिवार को 17 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश सुनाया। राज्य सरकार को यह मुआवजा देना होगा।
शनिवार को सियालदह कोर्ट ने अभियुक्त संजय राय को आईपीसी की धारा 64,66 और 103 (1) के तहत दोषी करार दिया था। सीबीआई ने संजय राय के लिए कठोर से कठोरतम यानी मृत्युदंड की मांग की थी। लेकिन सोमवार को न्यायाधीश ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। अगर जुर्माना नहीं भरा तो संजय राय को और पांच महीने जेल में रहना पड़ेगा। न्यायाधीश ने पीड़ित परिवार को रेप के एवज में सात लाख और हत्या के एवज में 10 लाख यानी कुल 17 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश भी दिया।
सजा ऐलान के पहले न्यायाधीश-अभियुक्त में कैसी हुई बहस
आरजी कर रेप-हत्या मामले में पौने तीन बजे सजा सुनाये जाने के पहले सोमवार को दोपहर 12 बजकर 36 मिनट पर कोर्ट की सुनवाई शुरू हुई थी। सियालदह कोर्ट के न्यायाधीश अनिर्वाण दास ने सुनवाई शुरू करते हुए अभियुक्त संजय राय को कोर्ट में लाने को कहा। इसके साथ ही उन्होंने यह पूछा कि पीड़िता के माता-पिता आये हैं कि नहीं तो पीड़ित परिवार हाथ जोड़कर कोर्ट में खड़ा हो गया। इसके बाद सुनवाई शुरू हुई। न्यायाधीश अनिर्वाण दास ने संजय की तरफ मुखातिब होते हुए शनिवार की तरह फिर से कहा कि सीबीआई ने जो तथ्य दिये हैं, उससे यह साबित हुआ है कि आप ही दोषी हैं। आप भले इससे इनकार करहे हैं, लेकिन आप अच्छी तरह जानते हैं कि आपने क्या किया है। लेकिन संजय राय ने फिर से शनिवार की बात दोहराई कि वह दोषी नहीं। उसे फंसाया गया है। अगर उसने ऐसा काम (रेप-मर्डर) किया होता तो क्या उसकी रूद्राक्ष माला टूट नहीं जाती। संजय ने न्यायाधीश को कहा कि हुजूर आप तो सब जानते हैं। मैं इसमें नहीं हूं। संजय ने यह भी कहा कि उसके साथ मारपीट की गई। जोर जबरस्दती उससे हस्ताक्षर कराये गये। गिरफ्तार होने से पहले तो वह जानता भी नहीं था कि क्या हुआ।
सीबीआई ने क्या कहा
सुनवाई में हिस्सा लेते हुए सीबीआई के वकील ने कहा कि संजय राय ही एकमात्र दोषी है। उसने ही रेप-हत्या किया है, इसलिए उसे कठोर से कठोरतम सजा मिलनी चाहिए। उसकी वजह से चिकित्सक समाज ने अपना एक सदस्य खो दिया है। वहीं पीड़ित परिवार ने दोषी को अधिकतम सजा यानी फांसी की सजा देने की मांग की है।
कोर्ट परिसर छावनी में तब्दील
सोमवार की सुबह से आरजी कर रेप-हत्या मामले की सुनवाई को लेकर सियालदह कोर्ट परिसर को छावनी में बदल दिया गया था। यहां दो आईपीएस अधिकारियों की देखरेख में दो सौ से अधिक पुलिस कर्मी और कॉम्बैट फोर्स के जवान सुरक्षा का जिम्मा संभाल रहे थे। इस चर्चित मामले की सुनवाई को लेकर सियालदह कोर्ट के बाहर जूनियर डॉक्टरों ने शनिवार की तरह ही फिर से प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि रेप-हत्या मामले में केवल एक व्यक्ति यानी संजय राय ही शामिल नहीं बल्कि इसमें और लोग भी शामिल हैं। केवल संजय राय को सजा देने से अभया (पीड़िता) को न्याय नहीं मिलेगा, बल्कि इसमें शामिल दूसरे लोगों को भी सजा दी जानी चाहिए।
ममता बनर्जी ने क्या कहा
आरजी कर रेप-हत्या मामले को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार को काफी विरोध का सामना करना पड़ा था। उनकी पुलिस की भूमिका पर सवाल उठा था। हाई कोर्ट ने मामले की जांच पुलिस से लेकर सीबीआई को सौंप दिया था। हालांकि स्वयं ममता ने सड़क पर उतरकर दोषी को फांसी देने की मांग की थी। सोमवार को जब वह उत्तर बंगाल के दौरे पर जा रही थी तो उन्होंने एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि कोर्ट में सुनवाई चल रही हैं। मैंने पहले ही दोषी को फांसी देने की मांग की है।
शनिवार को संजय राय को दोषी करार दिया गया
गौरतलब है कि शनिवार को कोलकाता के सियालदह कोर्ट के न्यायाधीश अनिर्वाण दास ने संजय राय को दोषी करार दिया था। उन्होंने कहा था कि सीबीआई ने जो कोर्ट में तथ्य दिये थे, उससे साबित होता है कि संजय राय ही दोषी हैं। उन्होंने संजय से कहा कि आपको अधिकतम मृत्युदंड और न्यूनतम आजीवन कारावस की सजा होगी। लेकिन कोर्ट में संजय राय ने जज से कहा था कि मुझे फंसाया गया है। आईपीएस अधिकारियों ने जो कहा था, वही मैंने कहा था। उसने यहां तक कहा था कि वह भला रूद्राक्ष की माला पहन कर क्यों यह काम (रेप-हत्या) कर सकता है।