बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के पलायन के बाद वहां नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार चल रही है। लेकिन इस सरकार में पूर्ववती शेख हसीना सरकार के विपरीत लगातार न सिर्फ भारत विरोधी बयानबाजी हो रही है, बल्कि भारत को उकसाने व चिढ़ाने वाले काम किये जा रहे हैं। बांग्लादेश अब भारतीय सीमा पर बीएसएफ द्वारा घुसपैठ रोकने के लिए कंटीले बाड़ लगाने के काम में बाधा दे रहा है जिससे तनाव की स्थिति पैदा हो रही है।
मालदा के बाद अब दक्षिण दिनाजपुर में बाधा
पिछले दिनों मालदा जिले से लगी भारत-बांग्लादेश सीमा पर बाड़ लगाने के काम में बांग्लादेश के सुरक्षा बल बार्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजेबी) ने बाधा दिया था, हालांकि दोनों देशों के उच्च अधिकारियों की बैठक के बाद फिर से बाड़ लगाने का काम शुरू हुआ था। लेकिन अब फिर से बीजेबी ने पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर जिले में बाड़ लगाने के काम को रोक दिया है। बीसीएफ द्वारा जिले के बालुघाट ब्लॉक के शिवरामपुर से सटी सीमा पर कंटीले बाड़ लगाये जा रहे थे। बाड़ लगाने का मकसद बांग्लादेशी घुसपैठियों को भारत में प्रवेश करने से रोकना है। बांग्लादेश में सैकड़ों आंतकियों के जेल से भागने के बाद उनके भारत में घुसपैठ की आशंका बढ़ गई है। लेकिन जब बाड़ लगाने का काम शुरू किया गया तो बीजेबी के गार्ड वहां पहुंच गये और उसमें बाधा दिया। इस घटना को लेकर बीएसएफ और बीजेबी के उच्च अधिकारियों की बैठक हुई। लेकिन फिर भी आज बाड़ लगाने का काम शुरू नहीं हुआ।
भारत के खिलाफ विरोध की नीति बढ़ी
शेख हसीना के शासन में भारत-बांग्लादेश सीमा पर एक-दो मामले को छोड़कर शांति रही है। लेकिन शेख हसीना के देश छोड़ने और नई अंतरिम सरकार के आने के बाद अचानक से बांग्लादेश में वैसा ही दुश्मनी वाला भाव देखा जा रहा है, जैसा पाकिस्तान में होता है। अंतरिम सरकार पर विपक्षी पार्टियों बीएनपी और जमात के लोगों का ज्यादा प्रभाव है जिसके नेता हमेशा से भारत विरोध बोलते रहे हैं। ( फोटो साभार-भास्कर.कॉम)