कोलकाता के चर्चित ट्रेनी महिला डॉक्टर से रेप और उसके बाद हत्या के मामले में सोमवार को निचली अदालत ने अभियुक्त संजय राय को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है। साथ ही पीड़िता के परिवार को रेप के लिए सात लाख और हत्या के लिए 10 रुपये यानी कुल 17 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया। लेकिन कोर्ट रूम में मौजूद पीड़िता के माता-पिता ने कहा कि हमें मुआवजा नहीं बल्कि न्याय चाहिए।
कोलकाता के सरकारी आरजी कर अस्पताल की ट्रेनी महिला डॉक्टर की रेप के बाद हत्या के मामले को लेकर पिछले साढ़े पांच महीने से पीड़िता के माता-पिता न्याय के लिए लड़ रहे थे। इस मामले को वह सुप्रीम कोर्ट तक ले गये थे जहां यह मामला विचाराधीन है। उनका मानना है कि उनकी बेटी के साथ रेप-मर्डर में केवल एक व्यक्ति शामिल नहीं है, बल्कि कई लोग शामिल हैं। जबकि सीबीआई केवल संजय राय को ही अभियुक्त बता रही है। सोमवार को जब सियालदह कोर्ट में न्यायाधीश अनिवार्ण दास ने सजा का ऐलान करते हुए पीड़िता के परिवार को 17 रुपये मुआवजा देने की राय दी तो परिवार ने कहा कि हुजूर हमें मुआवजा नहीं चाहिए। बल्कि हमारी बेटी को न्याय चाहिए। तब न्यायाधीश ने कहा कि यह कानूनी प्रावधान है कि आपको मुआवजा दिया जाए। अब इस मुआवजा की राशि का आप क्या करेंगे, यह आपको तय करना है।
कोर्ट के बाह प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों ने क्या कहा
सोमवार की दोपहर सियालदह कोर्ट में आरजी कर रेप-हत्या मामले की सजा के लिए सुनवाई चल रही थी, उधर कोर्ट के बाहर आरजी कर अस्पताल के डॉक्टर भी प्रदर्शन कर रहे थे। सजा की खबर आने के बाद एक डॉक्टर ने कहा कि अगर अभियुक्त को फांसी की सजा दी जाती तो भी हम इससे संतुष्टन नहीं होते। बल्कि हम शुरू से कह रहे हैं कि इस मामले में केवल संजय राय शामिल नहीं बल्कि एक के अलावा और कई लोग शामिल हैं। इसलिए हमें न्याय के लिए अब नये सिरे से लड़ाई शुरू करनी होगी। वहीं एक डॉक्टर ने कहा कि अभी जो सजा का ऐलान हुआ है, वही पर्याप्त नहीं है। जबकि यह रेप के साथ हत्या का मामला है। यह सजा पर्याप्त नहीं है। एक अन्य डॉक्टर ने कहा कि जब मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को दिया गया और उसने जांच के प्रारंभिक स्तर पर ही कहा कि जांच में पर्याप्त सबूत नहीं मिल रहे हैं तो हम उसी समय लग गया था कि इस मामले के असल अभियुक्तों को बचाने की कोशिश शुरू हो गई है।