पिछले साल जब बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार का पतन हुआ था तो वहां व्यापक हिंसा हुई थी। खास कर हिंदुओं को निशाना बनाया गया, घरों में लूटपाट की गई, मंदिरों में तोड़फोड़ की गयी। तब यह आशंका प्रकट की गयी थी कि ऐसा ना हो कि यह स्थिति एक दिन बंगाल की भी हो। अब यह आशंका सच हो रही है। वक्फ बिल के विरोध के नाम पर जिस तरह से पिछले दो-तीन दिनों से मुर्शिदाबाद में तांडव चल रहा है, उसने बंगाल की छवि एक बार फिर धूमिल कर दी है। पहले जंगीपुर में पुलिस गाड़ियों को आग के हवाला किया गया, हिंदुओं के घरों-दुकानों में लूटपाट, तोड़फोड़ की गयी, उसके बाद अब मुर्शिदाबाद की दूसरी जगहों धुलियान, शमशेरगंज, सुती, फरक्का में यही यही स्थिति देखने को मिल रही है। यहां पुलिस गाड़ी, सरकारी बस, प्राइवेट गाड़ी को जला दिया गया है। कई हिंदू लोगों के घरों और दुकानों में तोड़फोड़, लूटपाट करने की सूचना है।
जिला पुलिस प्रशासन के अनुरोध पर अब बीएसएफ के जवानों को शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए उतारा गया है जिससे स्थिति में सुधार हुआ है। इस हिंसक आंदोलन के कारण उत्तर बंगाल और दक्षिण बंगाल के बीच शुक्रवार को फिर से संपर्क कट गया। रेलवे ट्रैक को भी घंटों बाधित किया गया जिससे ट्रेन यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा।..केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद सुकांत मजूमदार ने स्पष्ट रूप से कहा कि बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले से ध्यान हटाने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी वक्फ बिल के नाम पर हिंसा करा रही हैं।.. मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर कुछ और जगहों से हिंसा की तस्वीरें आयी हैं। आप देख सकते हैं कि किस तरह से सरकारी दफ्तरों को निशाना बनाया जा रहा है।…इधर शनिवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और डीजीपी राजीव कुमार ने लोगों से शांति बनाये रखने की अपील की है। साथ ही हिंसक आंदोलन करने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है। ममता बनर्जी ने फिर कहा है कि बंगाल में वक्फ कानून नहीं लागू होगा। लेकिन क्या हिंसा पर उतारू लोग उनकी बात मानेंगे। ममता ने ईद के दिन भी यही अनुरोध किया था, लेकिन उसके बाद भी हिंसा हुई।
केंद्रीय मंत्री और बिहार से सांसद गिरिराज सिंह ने एक बार फिर से बंगाल में जारी हिंसा और हिंदुओं पर अत्याचार के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को निशाने पर लिया है और कहा है कि क्या हिंदुओं को बंगाल छोड़कर कहीं और जाना होगा।
वक्फ बिल के नाम पर हिंसा ने एक बार फिर से बंगाल में सीएए और एनआरसी के नाम पर हुई हिंसा को ताजा कर दिया है जब कई ट्रेनों और सरकारी संपत्तियों को आग के हवाले कर दिया गया था। बंगाल फिर से हिंसा का अपना इतिहास दोहरा रहा है।
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