ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 3-1 से हारने के बाद भारत में हायतौबा मचा हुआ है। भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा पर तरह-तरह के सवाल उठाये जा रहे हैं। बीसीसीआई ने हार का पोस्टमार्टम करने के बाद कई कड़े फैसले लिये हैं। लेकिन पूर्व भारतीय ऑलराउंडर युवराज सिंह ने रोहित शर्मा का बचाव किया है।
रोहित शर्मा को कम आंकना गलती
युवराज ने एक इवेंट में हिस्सा लेने के दौरान कहा कि मैं किसी भी टीम के प्रदर्शन को पांच या तीन सालों की अवधि को देखकर आंकता हूं। गौतम गंभीर को आये हुए अभी बहुत दिन नहीं हुए हैं। उन्हें कुछ समय देना होगा। रोहित शर्मा ने टी20 विश्व कप जीता है। एकदिवसीय विश्वकप में टीम को फाइनल तक ले गए। टेस्ट चैंपियंसशिप का फाइनल भी खेला। उनके नाम पांच आईपीएल ट्रॉफी भी है। युवराज ने कहा कि जब बल्ले से रन नहीं आ रहे थे तो रोहित ने स्वयं को सिडनी टेस्ट से ड्रॉप कर लिया और टीम के हित में दूसरे खिलाड़ी को खेलने का मौका दिया। अतीत में कितने कप्तान ने यह काम किया है। क्या कोई मुझे बता सकता है।
लगातार हार से टीम की आलोचना
गौरतलब है कि भारत ने ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 10 सालों के बाद खो दिया है। ऑस्ट्रेलिया जाने से पहले देश में भी भारत ने न्यूजीलैंड के हाथों 3-0 से सीरीज गंवा दिया था। उसके पहले श्रीलंका में तीन एकदिवसीय सीरीज में भारत एक भी मैच नहीं जीत सका था। इन सीरीज में रोहित शर्मा ही कप्तान थे। ऑस्ट्रेलिया में दो मैचों में जसप्रीत बुमराह ने कप्तानी की थी। इन हार की वजहों से भारतीय टीम की काफी आलोचना हो रही है। इस पर यह खबरें आयीं कि टीम में दरार है। सीनियर खिलाड़ियों और कोच गौतम गंभीर के बीच मनमुटाव की स्थिति है।
जायसवाल और नीतीश की सराहना
युवराज सिंह ने यशस्वी जायसवाल और नीतीश रेड्डी जैसे युवा खिलाड़ियों के प्रदर्शन की सराहना करते हुए कहा कि नीतीश ने अपने पहले दौरे में शतक ठोका जो सराहनीय है। उसी तरह से जायसवाल भी 150 से अधिकर रन बनाये। इन दोनों युवा खिलाड़ियों का ऑस्ट्रलिया में तेज बाउंस वाली पिचों पर शतक बनाना सचमुच में बड़ा कारनामा है। युवराज ने आशा जतायी कि आने वाले दिनों में भारतीय टीम बेहतर खेल दिखाएगी।