मुर्शिदाबाद में हिंदुओं के खिलाफ हुई व्यपाक हिंसा को लेकर अब पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और मुख्यमंत्री आमने-सामने हो गये हैं। दरअसल राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने मुर्शिदाबाद में क्या हुआ है, यह पता लगाने के उद्देश्य से वहां जाने का फैसला किया है। लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नहीं चाहती हैं कि राज्यपाल मुर्शिदाबाद जाएं। किंतु राज्यपाल सीवी आनंद बोस अपने फैसले पर अटल हैं।
जो जानकारी अभी तक मिली है, उसके मुताबिक राज्यपाल शुक्रवार को मुर्शिदाबाद के सबसे अधिक जेहादियों की हिंसा से प्रभावित शमशेरगंज और धुलियान का दौरा करेंगे और स्थिति का जायजा लेंगे। दरअसल गुरुवार को बीजेपी नेताओं ने मुर्शिदाबाद में हिंसा के शिकार हिंदू परिवारों को लेकर कोलकाता में राजभवन जाकर राज्यपाल बोस से मुलाकात की। राज्यपाल ने पीड़ित परिवारों का दुखड़ा सुनने के बाद ही मुर्शिदाबाद जाने का फैसला किया है।
केंद्रीय मंत्री और प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार के नेतृत्व में मुर्शिदाबाद हिंसा के पीड़ित परिवार राजभवन पहुंचे थे। राज्यपाल बोस ने उनकी बातों को सुना और अपनी सहानुभूति जतायी।
लेकिन राज्यपाल का मुर्शिदाबाद जाने का फैसला मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को असहज और विचलित कर रहा है, इसलिए वह उनसे मुर्शिदाबाद नहीं जाने की अपील कर रही हैं। वक्फ बिल के मुद्दे पर मौलवियों से एक दिन पहले ही मिलने वाली ममता बनर्जी ने अभी तक मुर्शिदाबाद जाकर वहां स्थिति का जायजा नहीं लिया है, और न ही पीड़ित परिवारों से मिली हैं। गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए ममता ने कहा कि वह नहीं चाहती हैं कि अभी जो शांति मुर्शिदाबाद में बनी है, वह किसी के जाने से भंग हो। इसलिए वह स्वयं वहां नहीं गयी हैं।
ममता ने राज्यपाल से मुर्शिदाबाद का प्रस्तावित दौरा टालने का अनुरोध किया है। लेकिन क्या राज्यपाल बोस ऐसा करेंगे, इसकी उम्मीद कम ही है। ममता बनर्जी और राज्यपाल बोस के बीच समय-समय पर खींचतान चलती रही है, अब मुर्शिदाबाद में हिंदुओं के साथ व्यापक हिंसा ने संवैधानिक पद पर बैठें दोनों व्यक्तियों के बीच और खींचतान बढ़ा दी है।