जब से भारत ने सिंधू जल संधि को स्थगित किया है, पाकिस्तान में तनाव का आलम है। भारत द्वारा संधि को स्थगित करने और फिर चार दिन के संक्षिप्त झड़प के बाद अब पाकिस्तान सिंधू जल संधि को लेकर भारत पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। यहां तक कि वह अपने मित्र राष्ट्रों से इसकी चर्चा कर भारत पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भारत के साथ संघर्ष में समर्थन देने वाले अजरबैजान की यात्रा पर हैं। यहां उन्होंने तीन देशों पाकिस्तान, तुर्की और अजरबैजान के एक सम्मेलन में हिस्सा लिया। यहीं पर उन्होंने दावा कि भारत सिंधू और बाकी नदियों का पानी पाकिस्तान में जाने से नहीं रोकेगा, इसकी उन्होंने व्यवस्था कर दी है। लेकिन उन्होंने क्या व्यवस्था की है, इसपर खुल कर प्रकाश नहीं डाला। मीडिया की खबरों के मुताबिक शहबाज ने भारत द्वारा सिंधू जल संधि को स्थगित करने को दुर्भाग्यजनक बताते हुए कहा कि वह सिंधू जल संधि समेत बाकी मुद्दों पर भारत से बात करना चाहते हैं। लेकिन सिंधू जल संधि को भारत एक अस्त्र की तरह व्यवहार कर रहा है। पाकिस्तान की तरफ आने वाली नदियों के पानी को न तो कभी रोका गया है और न ही रोका जा सकता है। यह संभव नहीं है। भारत ऐसा न कर पाये, इसके लिए हमने उपयुक्त व्यवस्था की है।
शहबाज ने फिर से कश्मीर का राग भी अलापा। उन्होंने कहा कि हम शांति चाहते हैं। इसलिए सभी महत्वपूर्ण विषयों पर आपसी चर्चा करना जरूरी है। इसमें कश्मीर भी है। संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के मुताबिक कश्मीर की समस्या का समाधान वहां के लोगों की आकांक्षा के मुताबिक होना चाहिए।
शहबाज सात से 10 मई के बीच भारत और पाकिस्तान के बीच हुई संक्षिप्त सैन्य झड़प के बाद अपने मित्र राष्ट्रों के प्रति आभार प्रकट करने के लिए वहां के दौरे पर हैं। गौरतलब है कि उस दौरान तुर्की और अजरबैजान ने खुलकर पाकिस्तान का साथ दिया था। तुर्की ने तो न सिर्फ अपने उन्नत ड्रोन पाकिस्तान को दिये थे, बल्कि खबर है कि उसके सैनिक उन ड्रोनों को भारत में भेजने में भी संलिप्त थे। शहबाज पहले तुर्की गये जहां उन्होंने राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगन से मिले। उसके बाद वह ईरान चले गये। ईरान ने संघर्ष विराम रुकवाने में अंदरखाने काफी मदद की थी। शहबाज उसके बाद अजरबैजान गये जहां उन्होंने तीन देशों के सम्मेलन में हिस्सा लिया है।
गौरतलब है कि गत 22 अप्रैल को पाकिस्तानी आतंकियों ने पहलगाम में 26 पर्यटकों और एक स्थानीय व्यक्ति की निर्ममता से हत्या कर दी थी। उसके बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाये जिसमें सिंधू जल संधि को स्थगित करना भी था। इससे पाकिस्तान में हाहाकर मच गया। क्योंकि भारत से होकर बहने वाली सिंधू नदी पाकिस्तान के लिए लाइफ लाइन की तरह है। अगर भारत पानी बंद कर देगा तो पाकिस्तान के सिंध और पंजाब प्रांतों के किसान भूखे मर जाएंगे। इसलिए अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ मित्र राष्ट्रों का दौरा कर भारत पर दबाव बनाने की कोशिश में लगे हैं।