ऐसे समय में जब भारत के कोने-कोने से लाखों लोग प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में संगम स्नान करने के लिए रोजाना पहुंच रहे हैं, अब तक 40 करोड़ से अधिक लोगों ने गंगा स्नान कर लिया है, वैसे में एक बांग्ला अभिनेत्री ने महाकुंभ के लिए लोगों की आतुरता पर तंज कसा है। उन्होंने संगम में स्नान करने और उसके बाद सोशल मीडिया में फोटो पोस्ट करने को दिखावा और आडंबर करार दिया है। इस बांग्ला अभिनेत्री का नाम है सुदीपा चटर्जी जो कोलकाता में अपने टीवी शो के लिए पहचान रखती हैं।
दरअसल सुदीपा का यह बयान एक और बांग्ला अभिनेत्री रचना बनर्जी द्वारा महाकुंभ में जाकर संगम स्नान करने के बाद आया। अभी पिछले दिनों बांग्ला अभिनेत्री और तृणमूल कांग्रेस की सांसद रचना बनर्जी ने संगम में जाकर स्नान किया था। वहां पूजा-अर्चना कर अपने पूर्वजों को याद किया था। उन्होंने इंस्टाग्राम पर फोटो पोस्ट कर संगम में स्नान की अनुभूति को बयान किया था। साथ ही महाकुंभ को लेकर यूपी की योग सरकार की व्यवस्था का भी गुणगाण किया था। लेकिन सुदीपा बनर्जी महाकुंभ में जुट रही भीड़ को लेकर अलग ही राय रखती हैं। उनका कहना है कि महाकुंभ की बातों को बढ़ा-चढ़ा कर कहा जा रहा है। वह महाकुंभ में अभिनेता-अभिनेत्रियों से लेकर दूसरी सेलिब्रेटी के स्नान करने पर सवाल खड़ा कर रही हैं।
इतनी भीड़ में कैसे ईश्वर की आराधना
वेबसाइट आनंदबाजार को दिये एक इंटरव्यू में सुदीपा चटर्जी ने कहा, ‘भविष्य को लेकर चिंतित हूं। मेरे आस-पड़ोस के प्रायः सभी लोगों ने महाकुंभ में जाकर पवित्र डुबकी लगा ली है। उन सबको मोक्ष प्राप्त हो जाएगा। मैं भूत बनकर अकेले कैसे बचूंगी। महाकुंभ के प्रति लोगों में आकर्षण को देखते हुए भी वह उससे अपने को अछूती बताती हैं। वह कहती हैं, ‘मुझे कुंभ जाने की इच्छा नहीं है। क्योंकि धर्म को लेकर उन्माद दिखाना मुझे पसंद नहीं है। ईश्वर भक्ति शुद्ध रूप से व्यक्तिगत है। महाकुंभ में इतनी भीड़, शोर-शराबा, धक्कामुक्की है, ऐसे में कैसे ईश्वर के साथ एकाकार हुआ जा सकता है।’
महाकुंभ में दिखावा, ग्लैमर
महाकुंभ में अब तक कई अभिनेता-अभिनेत्रियों ने संगम में स्नान किया है। लेकिन सुदीपा इसे प्रचार के अलावा और कुछ नहीं देखती हैं। साथ ही वह सवाल करती हैं कि महाकुंभ की जगह लोग क्यों नहीं गंगासागर जाकर स्नान करते हैं। उनका कहना है, ‘बचपन से प्रयागराज के संबंध में कभी ऐसी बातें नहीं सुनी है। हमेशा गंगासागर के संबंध में ही सुना है। असल में ये सब भेड़चाल है। हर कोई कुंभ जा रहा है तो मुझे भी कुंभ जाना है। नहीं तो जीवन अधूरा है। जो लोग कुंभ जा रहे हैं, वे क्यों नहीं गंगासागर जाते हैं। क्योंकि वहां उतना दिखावा नहीं है। ग्लैमर नहीं है। वास्तव में कुंभ में वीआईपी पास लेकर, वोट किराये पर लेकर, गंगा में जाकर स्नान का फोटो पोस्ट कर यह जताने की कोशिश की जा रही है कि हम महत्वपूर्ण भारतीय नागरिक हैं।’ सुदीपा इन चीजों की इस तरह से व्याख्या देती हैं कि दरअसल लोग यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि मुझमें और हेमा मालिनी में कोई फर्क नहीं हैं। व्यक्तिगत जीवन में महत्व कम मिल रहा है, इसलिए बाहरी दुनिया में महत्व पाने के लिए यह सब किया जा रहा है।
बांग्ला अभिनेत्री सुदीपा चटर्जी का यह बयान क्या किसी को लक्ष्य कर कहा गया है, यह तो फिलहाल कहना मुश्किल है, लेकिन उन्हें स्वयं लगता है कि उनकी बातों के लिए उन्हें जरूर निशाना बनाया जा सकता है। ( फोटो-इंस्टाग्राम)