पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव 2026 के अप्रैल-मई में होना है, लेकिन एक साल पहले ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और सत्ताधारी दल तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने चुनावी बिगुल फूंक दिया है। ममता ने खास कर राज्य में प्रमुख विपक्षी दल बीजेपी पर कड़ा प्रहार किया और आरोप लगाया कि वह मतदाता सूची में हेरफेर कर बंगाल चुनाव जीतना चाहती है जैसा कि उसने दिल्ली, हरियाणा और महाराष्ट्र में किया है।
चुनाव आयोग से मिलकर मतदाता सूची में हेरफेर
ममता बनर्जी ने गुरुवार की दोपहर कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में तृणमूल कांग्रेस के ब्लॉक स्तर के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्हें अगले विधानसभा चुनाव में पार्टी को 215 सीटों पर जीत दिलाने का लक्ष्य दिया। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से अभी से चुनाव की तैयारियों के लिए तत्पर होने और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी, कांग्रेस और लेफ्ट उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो जाए। लेकिन ममता का सबसे कड़ा प्रहार बीजेपी को लेकर था। उन्होंने कहा, ‘बीजेपी ने पिछले चुनाव में दो सौ पार का नारा दिया था, लेकिन बंगाल की जनता ने उनके इरादे पर पानी फेर दिया। लेकिन इस बार बीजेपी मतदाता सूची मेें हेरफेर करने की कोशिश कर रही है। लेकिन हम इसे सफल नहीं होने देंगे। दिल्ली, हरियाणा और महाराष्ट्र में बीजेपी ने मतदाताओं सूची में हेरफेर कर ही जीत हासिल की थी, लेकिन बंगाल ऐसा नहीं होना देगा। हम बीजेपी की चाल को सफल नहीं होने देंगे।’
2026 में फिर खेला होगा
पिछले चुनाव की तरह ही उन्होंने इस बार चुनाव में खेला होने का नारा देते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं को आगाह किया कि बीजेपी की चाल को नाकाम करने के लिए अभी से मतदाता सूची पर काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘पंजाब-हरियाणा के बहुत से लोगों के नामों को बंगाल की मतदाता सूची में जोड़ा गया है।और, यह काम एजेंसी की सहायता से किया गया है। लेकिन 2026 में फिर से खेला होगा। इस काम की शुरुआत मतदाता सूची में सही मतदाताओं के नामों को ठीक करने से होगी। मैं पार्टी के जिला अध्यक्षों से कहती हूं कि वे बूथ कार्यकर्ताओं को मैदान में उतारें। जरूरत पड़े तो चुनाव आयोग के कार्यालय के सामने धरना-प्रदर्शन करें।’ ममता ने दो एजेंसियों के नाम लेते हुए कहा कि ऑनलाइन तरीके से मतदाता सूची में परिवर्तन किया जा रहा है। इसमें कुछ बीएलआरओ की सहायता ली जा रही है। बंगाल के लोग वोट न दे पाएं, इसलिए एपिक कार्ड में बाहर के लोगों के नाम जोड़े गये हैं। आधार कार्ड में घपला किया जा रहा है। इसके जरिये बंगाल की सत्ता हासिल करने के लिए खेल चल रहा है।
धर्म के नाम पर अधर्म करने वाली गेरूआ कॉमरेड
बंगाल की मुख्यमंत्री ने बीजेपी को गेरूआ कॉमरेड की संज्ञा देते हुए कहा कि वह धर्म के नाम पर अधर्म करती है। चुनाव आते ही केंद्रीय जांच एजेंसियां बंगाल में सक्रिय हो जाती हैं। किसके खिलाफ चार्जशीट दाखिल करना है। किसे गिरफ्तार करना है, किसे चोर बोलना है, इसमें बीजेपी लग जाती है। ममता ने पार्टी नेताओं-कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे एजेंसियों से न डरे और अन्यान का खुलकर विरोध करें। ममता ने संगठन में बदलाव के लिए कई घोषणाएं कीं।
यह हैरत की बात है कि पहले जो आरोप बीजेपी तृणमूल कांग्रेस पर लगाती थी, वही आरोप अब ममता बनर्जी बीजेपी पर लगा रही हैं। बीजेपी अकसर आरोप लगाती रही है कि तृणमूल मतदाता सूची में हेरफेर कर चुनाव जीतती है। अब देखना है कि ममता के ताजा आरोपों पर बीजेपी क्या प्रतिक्रिया देती है।