Friday, June 13, 2025

भारत के प्रतिबंध से बांग्लादेश का वस्त्र उद्योग बेहाल, गिड़गिड़ाने की आई नौबत

भारत के साथ पंगा लेने से क्या हो सकता है, यह धीरे-धीरे अब बांग्लादेशियों को समझ में आने लगा है। कई मामलों में भारत पर निर्भर बांग्लादेश में जब से शेख हसीना की सरकार का पतन हुआ है, और वहां मोहम्मद युनूस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनी है, तब से भारत के खिलाफ उकसावे वाले काम किये जा रहे हैं। भारत ने धैर्य से बांग्लादेशियों के होश ठिकाने आने का इंतजार किया, लेकिन पाकिस्तान के साथ संक्षिप्त युद्ध की स्थिति में जिस तरह से बांग्लादेश ने भारत के खिलाफ बयान दिये और पाकिस्तान तथा चीन के साथ सांठगांठ कर भारत को रणनीतिक रूप से घेरने का प्रयास किया है, उसे भारत ने गंभीरता से लिया है और एक के बाद एक कई व्यापारिक प्रतिबंध लगा दिये। अब इन प्रतिबंधों से बांग्लादेश के पैर के नीचे से जमीन खिसकने लगी है और वहां के लोग रहम की भीख मांगने लगे हैं।

बांग्लादेश के वस्त्र निर्माताओं और निर्यातकों ने अपनी सरकार को चिट्ठी लिखकर गुहार लगायी है कि वह भारत सरकार से बात कर फिर से स्थल मार्ग से व्यापार को चालू कराये। बांग्लादेश नीटवेयर मैनेफैक्चरर्स एंड एक्सपोर्ट्स एसोसिएशन नामक संगठन ने युनूस सरकार से मांग की है कि कम से कम तीन महीने के लिए स्थल पथ से व्यापार को फिर से चालू कराया जाए। बांग्लादेश सरकार इस मामले में भारत सरकार से बात करे। इस संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि भारत के साथ स्थल पथ से व्यापार बंद होने से बांग्लादेश के निर्यातकों को भारी नुकसान हो रहा है।

गौरतलब है कि बांग्लादेश का भारत के साथ बड़े पैमाने पर कपड़ों का व्यापार होता है। इसके अलावा खाने-पीने की चीजों का भी बांग्लादेश भारत को निर्यात करता है। पिछले 10 महीने में ही बांग्लादेश ने भारत को 12 करोड़ रुपये का सामान स्थल मार्ग से भेजा था। लेकिन अब स्थल मार्ग से भारत ने बांग्लादेश के साथ सभी तरह का व्यापार रोक दिया है। केवल समुद्र मार्ग -कोलकाता और मुंबई बंदरगाह-से ही व्यापार किया जा सकता है। शनिवार को भारत सरकार द्वारा यह नियम लागू किये जाने के बाद से भारत-बांग्लादेश सीमा पर कई जगहों पर ट्रकों का अंबार लग गया है। बांग्लादेश से आने वाले ट्रकों को भारत में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। इनमें पश्चिम बंगाल का बेनापोल स्थल बंदर भी है। यहां से बांग्लादेश का 80 प्रतिशत निर्यात भारत को होता है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत के सीमा बंद किये जाने के बाद से बांग्लादेश के वाणिज्य और निर्यात अधिकारियों ने दो दौर ी बैठकें की हैं और यह फैसला किया है कि सरकार को इस मामले में भारत सरकार के संबंधित मंत्रालय के सचिव से बात करनी चाहिए। हालांकि यह बातचीत भारत करना चाहेगा कि नहीं, यह तो समय ही बतायेगा। लेकिन इतना तय है कि भारत सरकार के फैसले से बांग्लादेश को सबसे अधिक डॉलर देने वाला वस्त्र उद्योग संकट में घिर गया है। निर्यात रुक गया है, जिससे सीमा पर ट्रकों में माल पड़े हैं। उधर उत्पादन भी ठप हो गया और लोगों के सामने रोजगार का संकट हो गया है।

भारत के साथ बांग्लादेश को पंगा लेना कितना महंगा पड़ेगा, अब धीरे-धीरे बांग्लादेशियों को समझ में आना लगा है। बांग्लादेश में कई स्तरों पर यह फिर से मांग उठने लगी है कि भारत के साथ रिश्ते बेहतर किये जाएं। लेकिन यह बात मोहम्मद युनूस और उनके सलाहकार कब समझेंगे, यह तो समय ही बताएगा।

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