Monday, April 28, 2025

भारत और पाकिस्तान में युद्ध हुआ तो अमेरिका किसका साथ देगा?

भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर से युद्ध की आशंका है। पहलगाम आतंकी हमले की वजह से भारत ने पाकिस्तान को सबक सिखाने को ठान लिया है, ऐसे में भारत बहुत संभव हो इस बार आखिरी चोट करने के इरादे से पाकिस्तान पर सैन्य कार्रवाई कर सकता है। ऐसे में सवाल है कि अगर सचमुच में युद्ध हुआ तो इस समय दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति अमेरिका किसके साथ रहेगा, भारत या पाकिस्तान।

पिछले कुछ सालों में अमेरिका और भारत के रिश्ते में बहुत गहराई आयी है, ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि अमेरिका भारत का खुल कर समर्थन नहीं करेगा लेकिन आतंक के खिलाफ कार्रवाई का समर्थन कर सकता है। यदि भविष्य में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध होता है, तो वैश्विक शक्ति अमेरिका का रुख अत्यंत महत्वपूर्ण होगा। अमेरिका किसका समर्थन करेगा, यह कई रणनीतिक, राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य कारणों पर निर्भर करेगा। हालांकि पहलगाम हमले के बाद तुरंत डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम नरेंद्र मोदी से बात कर अपना समर्थन जताया था। लेकिन युद्ध के समय ट्रंप क्या रुख अपनाते हैं, वह कई कारकोंं पर निर्भर करेगा।

अमेरिका-भारत संबंधों में नई ऊर्जा

पिछले दो दशकों में भारत और अमेरिका के बीच रक्षा, व्यापार, तकनीक, और कूटनीति के क्षेत्रों में मजबूत भागीदारी बनी है। “क्वाड” (QUAD) जैसे मंचों पर अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया का सहयोग चीन के प्रभाव को संतुलित करने के लिए बढ़ रहा है। भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, और अमेरिकी कंपनियों के लिए एक बड़ा बाजार भी है। दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश तेजी से बढ़ा है। भारत और अमेरिका दोनों लोकतंत्र हैं, जो वैश्विक स्तर पर लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने के पक्षधर हैं। इससे भी अमेरिका का झुकाव भारत की ओर स्वाभाविक हो जाता है।

पाकिस्तान के साथ पुराना मजबूत संबंध

शीत युद्ध काल में पाकिस्तान अमेरिका का प्रमुख सहयोगी था। अफगानिस्तान में सोवियत संघ के खिलाफ संघर्ष और फिर बाद में आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में भी अमेरिका ने पाकिस्तान का सहयोग लिया। हाल के वर्षों में, विशेष रूप से अमेरिका के अफगानिस्तान से हटने के बाद, अमेरिका और पाकिस्तान के संबंधों में ठंडक आई है। पाकिस्तान पर आतंकवादी संगठनों को शरण देने के आरोप भी अमेरिका की नाराज़गी का कारण रहे हैं।  फिर भी, पाकिस्तान का भौगोलिक स्थान (विशेषकर चीन और अफगानिस्तान के निकटता) अमेरिका के लिए रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बना रहता है। अमेरिका पाकिस्तान को पूरी तरह से नज़रअंदाज़ नहीं कर सकता।

भारत के प्रति झुकाव पर युद्ध रोकने की होगी कोशिश

अमेरिका शायद सीधे तौर पर किसी एक पक्ष को सैन्य समर्थन न दे। वह एक “संतुलन बनाने वाले” की भूमिका निभाना चाहेगा ताकि क्षेत्रीय स्थिरता बनी रहे और परमाणु युद्ध की संभावना टाली जा सके। कूटनीतिक और आर्थिक दृष्टि से अमेरिका का झुकाव भारत की ओर अधिक रहेगा। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अमेरिका भारत का समर्थन कर सकता है, विशेषकर यदि युद्ध पाकिस्तान द्वारा भड़काया गया हो। अमेरिका युद्ध को रोकने या उसे सीमित रखने के लिए दोनों देशों पर दबाव डालेगा। वह संयुक्त राष्ट्र (UN) के जरिए भी युद्धविराम की पहल कर सकता है। यदि चीन खुलकर पाकिस्तान का समर्थन करता है, तो अमेरिका भारत के साथ और मजबूती से खड़ा हो सकता है, क्योंकि चीन और अमेरिका के बीच भू-राजनीतिक प्रतिस्पर्धा पहले से मौजूद है।

अमेरिका की मुख्य चिंता रहेगी परमाणु हथियारों को लेकर

भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की स्थिति में अमेरिका का प्राथमिक उद्देश्य क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखना होगा। हालिया रुझानों को देखते हुए, अमेरिका का झुकाव भारत की ओर रहेगा, लेकिन वह खुलकर सैन्य हस्तक्षेप करने से बचेगा। अमेरिका का ध्यान युद्ध को शीघ्र रोकने और परमाणु हथियारों के उपयोग को टालने पर केंद्रित रहेगा। आर्थिक, रणनीतिक और लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर भारत को अमेरिका का परोक्ष समर्थन मिलने की संभावना अधिक है। भारत की बढ़ती आर्थिक ताकत को भी अमेरिका नजरअंदाज नहीं करना चाहेगा। ट्रंप प्रशासन फिलहाल भारत को ज्यादा तवोज्जो देते हुए दिखाई दे रहे हैं।

Latest news
Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here