बांग्लादेश भारत से रिश्ते सुधारने के बदले लगातार रिश्तों में तनाव पैदा करने की कोशिश कर रहा है। अब एक नये घटनाक्रम में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत में प्रशिक्षण के लिए आने वाले 50 जजों की अनुमित को रद्द कर दिया है।
बांग्लादेश के मीडिया में बताया है कि अंतरिम सरकार के कानूनी विभाग ने 50 जजों को भारत में प्रशिक्षण के लिए अनुमति दी थी। ये जज भोपाल नेशनल ज्यूडिशियल एकेडमी एंड स्टेट ज्यूडिशियल एकेडमी में प्रशिक्षण लेने वाले थे। 10 से 20 फरवरी तक यह प्रशिक्षण चलने वाला था। प्रशिक्षण का खर्च भारत सरकार ही उठाने वाला था। लेकिन अचानक से रविवार को बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने जजों के प्रशिक्षण की अनुमित को रद्द कर दिया। फिलहाल इसका कोई कारण नहीं बताया गया है। एक दिन पहले बांग्लादेश की सरकारी समाचार एजेंसी ने भारत जाने वाले जजों के संबंध में एक खबर दी थी।
गौरतलब है कि पांच अगस्त को बांग्लादेश में आवामी लीग की नेता शेख हसीना की सरकार का जबरदस्त छात्र विद्रोह के बाद पतन हुआ था। शेख हसीना फिलहाल भारत में हैं। वहीं शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद बांग्लादेश में लगातार हिंदुओं पर अत्याचार की खबरें आ रही हैं। भारत ने इस संबंध में बांग्लादेश को ठोस कार्रवाई करने के लिए कहा था लेकिन बांग्लादेश सरकार का कहना है कि हिंदुओँ पर अत्याचार की खबरें गलत हैं। हिंदू संन्यासी चिन्मयकृष्ण दास को देशद्रोह के जुर्म में गिरफ्तार किया गया है, इसे लेकर भी दोनों देशों ने तनाव बढ़ा है।