भारतीय जनता पार्टी तमाम कोशिशों के बावजूद पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस को पछाड़ नहीं पाई है। लेकिन अब बीजेपी अपनी रणनीति बदलते हुए सीधे आम मतदाता के पास पहुंच कर उन्हें अपना पार्टी सदस्य बनाने पर जोर लगा रही है। बीजेपी के इस प्रयास को बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार से इंधन मिला है जिसका नतीजा है कि बीजेपी ने अक्टूबर से लेकर अब तक कुल 43 लाख प्राथमिक सदस्य बना लिये हैं।
मिस्ड कॉल से पार्टी का वेरीफायड सदस्य बनाना
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और गृह मंत्री अमित शाह ने 27 अक्टूबर को बंगाल में आकर मिस्ड कॉल के जरिये प्राथमिक सदस्य बनाने के अभियान की शुरुआत की थी। इस अभियान के तहत कोई भी व्यक्ति पार्टी के फोन नंबर पर मिस्ड कॉल कर बीजेपी का प्राथमिक सदस्य बनने के लिए अनुरोध कर सकता है। मिस्ड कॉल आने के बाद स्थानीय पार्टी कार्यकर्ता उस व्यक्ति के पहुंचेंगे और उनका पूरा ब्योरा लेकर उसे प्राथमिक सदस्य का दर्जा देते हैं। उस सदस्य को भेरीफायड प्राथमिक सदस्य कहा जा रहा है। यह अभियान धीमी गति से चल रहा था। शुरुआती लगभग दो महीने में 26 लाख नये प्राथमिक सदस्य ही बीजेपी जोड़ पायी थी। लेकिन पिछले दो सप्ताह में इसमें अचानक से वृद्धि हुई और इस दौरान 16 लाख नये सदस्य जोड़ लिये गये। इस तरह तीन जनवरी तक यह आंकड़ा 42 के ऊपर पहुंच गया।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार का दिखा असर
पांच अगस्त को प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं की हत्या, हमा और मंदिरों में तोड़फोड़ की घटनाओं का व्यापाक असर पश्चिम बंगाल में दिखा है। इस बीच बांग्लादेश के चंटगांव स्थित इस्कॉन के संन्यासी चिन्मयानंद दास की गिफ्तारी ने बंगाल के हिंदुओं में काफी बेचैनी पैदा की है। बांग्लादेश के इस ज्वलंत मुद्दे को बीजेपी ने व्यापाक पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया। बीजेपी नेताओं ने एक तरह से बंगाल के हिंदू समुदाय में यह भय पैदा करने की कोशिश की कि अगर तृणमूल कांग्रेस बंगाल में और सत्ता में रही तो आने वाले दिनों में बंगाल भी ऐसे हालात हो सकते हैं। बांग्लादेश मुद्दे से बंगाल के हिंदूज जनमानस में भय-चिंता पैदा हुई है और यही वजह है कि बड़ी संख्या में लोगों का रूझान बीजेपी की तरफ गया है। हालांकि बंगाल बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता और सांसद शमिक भट्टाचार्य का कहना है कि बीजेपी के प्रति बढ़ते रूझान के पीछे बांग्लादेश मुद्दे का कोई योगदान नहीं है, बल्कि यहां की ममता बनर्जी की सरकार के प्रति लोगों में नाराजगी है। लोगों को लगता है कि अगर यही स्थिति रही तो आने वाले दिनों में यहां लोगों का रहना मुश्किल हो जाएगा। हालांकि बीजेपी सांसद ज्योतिर्मय महतो यह स्वीकार करते हैं कि बांग्लादेश के मुद्दे ने लोगों को प्रेरित किया है बीजेपी का सदस्य बनने के लिए। उन्हें लगता है कि बीजेपी ही इस राज्य को सुरक्षित रख सकती है।
बीजेपी कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन
बंगाल में एक करोड़ नये प्राथमिक सदस्य के लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रदेश बीजेपी नेतृत्व ने करीब 80 हजार सक्रिय कार्यकर्ताओं को नये सदस्य बनाने के अभियान में लगाया है। इन कार्यकर्ताओं को स्पष्ट कर दिया गया है कि अगर वे कम से कम 50 भेरीफायड सदस्य बनाते हैं तो ही उन्हें आगे पार्टी में कोई पद मिलेगा और कोई चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा। इस शर्त ने काम किया है। दूसरी तरफ बंगाल प्रभारी मंगल पांडेय नियमित सदस्यता अभियान को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की क्लास लेते रहते हैं जिससे बंगाल प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी समेत दूसरे पदाधिकारी दबाव में हैं।
2026 के विधानसभा चुनाव पर नजर
बीजेपी ने 2021 के विधानसभा चुनाव में बहुत जोर लगाया था और दावा किया था कि वह तृणमूल कांग्रेस को बेदखल कर सत्ता में आ रही है। लेकिन चुनाव नतीजे ने बीजेपी के इरादे पर बुरी तरह पानी फेर दिया। ममता बनर्जी और ज्यादा बहुमत के साथ सत्ता में तीसरी बार लौट आईं। वहीं 2024 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी को तृणमूल से मात खानी पड़ी। 2019 में मिली 18 सीटों से सिमट कर बीजेपी 12 सीटों पर आ गयी जबकि तृणमूल और मजबूत होकर उभरी। लेकिन 2026 में बीजेपी नेता हर हाल में बंगाल की सत्ता से ममता बनर्जी को बेदखल करने का इरादा जाहिर कर रहे है। केंद्रीय नेतृत्व भी प्रदेश नेताओं को जोर-शोर से अभी से चुनाव की तैयारियों में लगने का संदेश दे चुका है। अब देखना है कि अगर बीजेपी अपने लक्ष्य एक करोड़ नये प्राथमिक सदस्य बना भी लेती है तो उसका चुनाव पर कैसा असर होता है।