पहलगाम आतंकी घटना के मद्देनजर भारत और पाकिस्तान के बीच बने चरम तनाव पर पूरी दुनिया की नजर है। लेकिन इस आतंकी हमले को लेकर भारत को दुनिया के सभी बड़े देशों से समर्थन मिला है। अमेरिका कै राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घटना के तुरंत बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर अफसोस जताया था और आतकियों की खिलाफ कार्रवाई का समर्थन किया था। अब उन्होंने यह साफ कर दिया है कि भारत जो भी कार्रवाई करता है, अमेरिका उसका समर्थन करेगा। रणनीतिक विशेषज्ञ इसे भारत की बड़ी कूटनीतिक और रणनीतिक जीत मान रहे हैं।
भारत-पाकिस्तान रिश्तों पर करीबी नजर ऱखने वाले पाकिस्तान के रणनीतिक विशेषज्ञ डॉ कमर चीमा ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अब भारत को खुली छूट दे दी है कि वह जो चाहे, जिसके खिलाफ जो भी कार्रवाई करेगा, अमेरिका उसका समर्थन करेगा। अमेरिक इसमें में नहीं आयेगा। डॉ चीमा ने कहा कि ट्रंप का मोदी का साथ दोस्ताना रवैया है। ट्रंप भारत को महत्व भी देते हैं। इसलिए इस बार उन्होंने कह दिया है कि भारत का यह अपना मामला है और उसे जो कार्रवाई करना है करे। डॉ चीमा कहते हैं कि अपने पहले कार्यकाल में ट्रंप कई मौके पर कह चुके थे कि अगर भारत और पाकिस्तान चाहे तो वह उनके बीच मध्यस्थ की भूमिका निभा सकते हैं। लेकिन इस बार उन्होंने ऐसा नहीं कहा है। बल्कि भारत के ऊपर छोड़ दिया है कि वह क्या करना चाहता है। और अपना समर्थन जता दिया है।
पहलगाम हमले को लेकर अमेरिकी की खुफिया निदेशक तुलसी गोबार्ड ने भी ट्वीट कर घटना की निंदा की है और हिंदू पर्यटकों पर इस्मालिक आतंकियों द्वारा किये गये हमले की निंदा की है। साथ ही उन्होंने भारत की हर कार्रवाई का समर्थन किया है। डॉ कमर चीमा तुलसी के बयान को भी महत्वपूर्ण बताते हुए कहते हैं कि यह गौर करने की बात है कि उन्होंने अपने व्यक्तिगत एक्स अकाउंट से यह ट्वीट नहीं किया है, बल्कि अपने ऑफिसियल अकाउंट से ट्वीट किया है जो महत्वपूर्ण हैं।
डॉ चीमा ने तनाव के मुद्देनजर सऊदी अरब और ईरान के बयान को भी महत्वपूर्ण माना है। सऊदी विदेश मंत्री ने पहले भारत और फिर पाकिस्तान के अपने समकक्षों से बात की है। डॉ चीमा ने कहा कि सऊदी का पहले पाकिस्तान के साथ अच्छा रिश्ता था लेकिन अब वह भारत के करीब ज्यादा दिख रहा है। इसका एक बड़ा उदाहरण देख सकते हैं कि जब हमले के दिन भारत के प्रधानमंत्री सऊदी अरब गये तो वहां उनके विमान को सऊदी वायु सेना के एफ 16 विमानों ने सैल्यूट दिया और गार्ड कर ले गये। यह भारत और सऊदी अरब के रिश्ते में आये बड़े सकारात्मक बदालाव की तस्वीर है।डॉ चीमा कहते हैं कि हो सकता है कि पाकिस्तान के आवेदन पर सऊदी अरब ने तनाव कम करने के उद्देश्य से भारत से बात की हो या फिर स्वयं ही उसने यह कदम उठाया है। वहीं ईरान ने पाकितान को चेताते हुए साफ कह दिया है कि अगर भारत के साथ उसके रिश्ते ज्यादा बिगड़ते हैं तो वह ईरान से ज्यादा आशा नहीं करें। अगर युद्ध होता है तो ईरान पाकिस्तान की तरफ से भारत के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगा।
डॉ चीमा कहते हैं कि स्थिति काफी तनावपूर्ण है और सौ फीसदी युद्ध की आशंका बढ़ गयी है। सवाल यह है कि भारत कब और किस मात्रा में आक्रामण करता है।
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