क्या ईरान ने अमेरिका के दूसरी बार राष्ट्रपति बनने जा रहे डोनाल्ड ट्रंप की हत्या कराने का प्रयास किया था? इस सवाल के जवाब में ट्रंप के दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के ठीक पांच दिन पहले ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियान ने साफ इनकार किया है कि ईरान ऐसा कर सकता है। मसूद का कहना है कि ईरान कभी ट्रंप की हत्या की योजना नहीं बना सकता है।
डोनाल्ड ट्रंप सोमवार को दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति की शपथ लेने जा रहे हैं। नवंबर में हुए चुनाव में वह भारी मतों से जीते थे। जुलाई में एक चुनावी रैली के दौरान ट्रंप पर गोली चली थी जिसमें वह बहुत मुश्किल से बचे थे। वहीं नवंबर में अमेरिका के न्याय विभाग ने यह आरोप लगाया था कि चुनाव के दौरान ट्रंप की हत्या कराने की योजना एक ईरानी व्यक्ति ने बनायी थी।
ट्रंप की हत्या का आरोप ईरानोफोबिया का हिस्सा
प्रतिष्ठित अमेरिकी चैनेल एनबीसी न्यूज को दिये एक इंटरव्यू में ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियान ने कहा कि हमने न तो ट्रंप की हत्या की कोशिश की और न ही ऐसा करेंगे। उन्होंने कहा कि दरअसल ट्रंप की हत्या करने का आरोप विदेशियों की योजनाओं का हिस्सा था। मसूद ने इसरायल और अन्य देशों के नाम लेते हुए कहा कि यह प्रकरण दरअसल ईरानोफोबिया को बढ़ावा देने का षड़यंत्र हैं। जब मसूद से पूछा गया कि क्या आपको लगता कि अमेरिका और इसरायल मिलकर ईरान पर हमला कर सकते हैं तो मसूद ने कहा कि कोई भी कार्रवाई होगी तो हम उसकी तीव्रता से प्रतिक्रिया देंगे।
ट्रंप ने ईरान को नीच दिखाया
गौरतलब है कि ईरान का अमेरिका और पश्चिम देशों के साथ उसके परमाणु कार्यक्रमों को लेकर तनाव की स्थिति रही है। अमेरिका ने अपने पश्चिमी सहयोगी देशों के साथ मिलकर ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगाये हैं। अब जबकि ट्रंप दूसरी बार राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं, उन्होंने शपथ लेने से पहले ही ईरान पर और कड़े प्रतिबंधों की धमकी दी है। इस संबंध में जब मसूद से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अमेरिका ने ईरान को नीचा दिखाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि ईरान ने हमेशा परमाणु समझौते मुद्दे पर सकारात्मक पहल की है, लेकिन पश्चिमी देश अपने वादे पर अडिग नहीं रहे हैं। हालांकि उन्होंने आशा प्रकट करते हुए कहा कि ट्रंप दुनिया में शांति और स्थिरता के लिए काम करेंगे और रक्तपात या युद्ध की स्थिति पैदा नहीं करेंगे।
गाजा में युद्ध विराम में करेंगे सहयोग
ईरानी राष्ट्रपति ने कहा कि गाजा में शांति के लिए उनका देश किसी के साथ भी सहयोग करने को तैयार है। अगर इसरायल-हमास में युद्ध विराम में किसी तरह का सहयोग की बात आती है हम उसकी कोशिश करेंगे।