Monday, April 28, 2025

कौन हैं मोहिनी मोहन दत्ता जिनके नाम रतन टाटा कर गए हैं 500 करोड़

अभी हाल में एक खबर आयी थी उसी शांतनु नायडू के बारे में जो पिछले साल दिवंगत हुए प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा के करीबी मित्र थे। शांतनु को टाटा मोटर्स में महाप्रबंधक का पद दिया गया है। अब टाटा के एक और करीबी के बारे में खबर है जिसे टाटा ग्रुप की तरफ से कोई पद तो नहीं दिया गया है बल्कि स्वयं रतन टाटा अपनी वसीयत मेंं उनके लिए एक बड़ी राशि छोड़ गये हैं।

पिछले अक्टूबर में 86 साल की उम्र में दिवंगत हुए भारत के सबसे सम्मानित उद्योगपति रतन टाटा अपने पीछे अपने नाम पर करीब आठ हजार करोड़ रुपये की संपत्ति छोड़ गये थे। अब यह खुलासा हुआ है कि उन्होंने अपनी संपत्ति में से अधिकतर रकम को दान कार्यों में लगाया है लेकिन इसके साथ ही एक ऐसे व्यक्ति का नाम सामने आया है जिसे रतन टाटा की वसीयत से 500 करोड़ रुपये मिले हैं। इस व्यक्ति का नाम है मोहिनी मोहन दत्ता। इस व्यक्ति के बारे में यहां तक कि टाटा ग्रुप के टॉप अधिकारी भी परिचित नहीं थे।

इकोनोमिक्स टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक रतन टाटा के कुछ बेहद करीबी लोग थे। उनमें मोहिनी मोहन दत्ता भी थे। वह झारखंड के जमशेदपुर के रहने वाले हैं। टाटा स्टील जमशेदपुर में ही है जो टाटा ग्रुप की प्रमुख औद्योगिक ईकाई है। रतन टाटा अकसर जमशेदपुर जाते थे। यहीं मोहिनी की मुलाकात रतन टाटा से हुई। मोहनी स्टेलियन नाम से एक ट्रेवल एजेंसी चलाते थे जिसका 2013 में टाटा ग्रुप ऑफ होटल्स में विलय हो गया। लेकिन स्टेलियन का 80 फीसदी मालिकाना मोहिनी मोहन दत्त के परिवार के पास ही रहा। दत्ता इसके अलावा टीसी ट्रैवेल सर्विसेस के डायरेक्टर भी हैं। यह ट्रैवेल कंपनी थोमस कूक का पार्टनर है। दत्ता की दो बेटियां हैं। इनमें से एक पुत्री टाटा ट्रस्ट में नौ साल काम कर चुकी है। उसके पहले वह मुंबई के प्रसिद्ध ताज होटल की कर्मचारी थी।

रिपोर्ट के मुताबिक टाटा स्टील के लिए जब भी रतन टाटा जमशेदपुर जाते तो मोहिनी मोहन दत्ता उनसे मुलाकात करते। 60 सालों से दोनों एक दूसरे को जानते थे। दत्ता अपने को रतन टाटा के करीबी सहयोगी बताते हैं और कहते हैं कि रतन टाटा ने उन्हें एक सफल बिजनेसमैन बनाया है। (फोटो-X)

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