ऑस्ट्रेलिया दौरे में भारतीय टेस्ट टीम के स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने बीच में रिटायरमेंट की घोषणा कर सबको चौंका दिया था। वे बीच में दौरान दौरा खत्म कर भारत लौट आये थे और इसकी वजह से वह सुर्खियों में रहे थे। अब अश्विन ने फिर एक ऐसी बात कही है जिससे वह सुर्खियों में आ गये हैं। हालांकि यह क्रिकेट से जुड़ा न हो कर हिंदी भाषा से जुड़ा मुद्दा है।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा नहीं
भारत की तरफ से टेस्ट में सबसे अधिक विकेट लेने नाले दूसरे गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन ने कहा है कि हिंदी कभी राष्ट्रभाषा नहीं रही है। वह एक कॉलेज के ग्रेजुएशन सर्टिफिकेट समारोह में छात्रों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने अपनी बात अंग्रेजी और तमिल में शुरू की थी। फिर बीच में उन्होंने कहा कि अगर किसी को समझ में नहीं आ रहा है तो वह उनसे हिंदी में सवाल पूछ सकता है। इससे थोड़ी देर के लिए हॉल में खामोशी छा गई। तब अश्विन ने कहा कि हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा नहीं है, बल्कि यह हमारी आधिकारिक भाषा है। और इसे कहने में कोई हर्ज नहीं है।
तमिलनाडु में हिंदी का विरोध
गौरतलब है कि तमिलनाडु में हिंदी का मुद्दा हमेशा से राजनीति बवंडर बनाता रहा है। खासकर डीएमके जैसी द्रविड़ पार्टी हिंदी को लेकर दशकों से आंदोलन करती रही है। केंद्र सरकार पर तमिल लोगों पर हिंदी थोपने का आरोप लगाती रही है। तमिलनाडु में आजादी के पहले से हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के मुद्दे पर विरोध रहा है। आजादी के बाद कई बार उग्र आंदोलन तक हो चुके हैं। पिछले कुछ सालों में मोदी सरकार के कुछ फैसले को लेकर तमिलनाडु की डीएमके सरकार और पार्टी दोनों स्तर पर हिंदी थोने के नाम पर विरोध दर्ज कराया है।
अश्विन का है हिंदी में यूट्यूब चैनल
पिछले साल अश्विन ने हिंदी में एक यूट्यूब चैनल शुरू किया था जिसका नाम है-एस की बात। इसमें वह क्रिकेट पर बात करते हैं। क्रिकेटरों और पत्रकारों को इंटरव्यू भी करते हैं। लोगों में यह लोकप्रिय हुआ है। अभी तक एस की बात चैनल के एक लाख 26 हजार सब्सक्राइबर्स हो चुके हैं। अश्विन पहले ही अंग्रेजी में यूट्यूब चैनल चलाते रहे हैं, जिसके 16 लाख से अधिक सब्सक्राइबर्स हैं।
कप्तानी के मुद्दे पर भी बोला
बहरहाल अश्विन ने कप्तानी के मुद्दे पर भी कहा है। उन्होंने कहा कि कई लोगों कहते रहे हैं कि मैं भारतीय टीम का कप्तान नहीं हो सकता था। लेकिन मैं दृढ़ता से यह कहता रहा हूं कि मैं यह कर सकता हूं। उन्होंने यह भी कहा कि जब कोई ये कहता कि मैं हो सकता हूं तो फिर मैं थोड़ी उलझन में पड़ जाता हूं। गौरतलब है कि वह कभी भारतीय टीम के कप्तान नहीं बने हैं। लेकिन आईपीएल टीम पंजाब किंग्स के एक सत्र में कप्तान रहे थे।