Thursday, May 1, 2025

अरब सागर में पाक नौसेना से हर स्तर पर भारतीय नौसेना भारी, कैसे?

पहलगाम आतंकी हमले के बाद जब भारत ने यह तय किया कि पाकिस्तान को सबक सिखाना है तो अरब सागर में हलचल तेज हो गयी। भारत ने अपना विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को अरब सागर में उतार दिया। न सिर्फ यह भारी भरकम युद्धक जाहाज,  बल्कि इसके साथ उसके बेड़े में चलने वाले अन्य युद्धक पोत और पनडुब्बियां भी अरब सागर में दिखाई दिये। भारत ने एक दिन का युद्ध अभ्यास भी किया। दरअसल अरब सागर भारत की समुद्री रणनीति का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जहां भारतीय नौसेना की उपस्थिति न केवल भारत की समुद्री सीमाओं की रक्षा करती है, बल्कि क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभाती है। अरब सागर से पाकिस्तान की नौसेना  पर मार करना आसान है। ऐसे में सवाल है कि क्या अगर पूर्ण युद्ध हुआ तो पाकिस्तान की नौसेना भारत के सामने टिक पायेगी। तो आइये देखते हैं कि भारत की नौसैन्य की ताकत कितनी है।

विमानवाहक पोत से पाकिस्तान पर बढ़त

भारतीय नौसेना के पास 150 से अधिक युद्धपोत, पनडुब्बियाँ और विमानवाहक पोत हैं, जबकि पाकिस्तान के पास लगभग 50 से कम जहाज़ और पनडुब्बियाँ हैं। भारत के पास दो विमानवाहक पोत INS Vikrant और INS Vikramaditya हैं जो भारत को वायु प्रभुत्व और गहराई में हमले की क्षमता प्रदान करते हैं। पाकिस्तान के पास एक भी विमानवाहक पोत नहीं है। भारत के पास परमाणु-संचालित पनडुब्बियां (जैसे INS Arihant) हैं जो गुप्त रूप से गश्त कर सकती हैं और लंबी दूरी से हमला कर सकती हैं। पाकिस्तान की पनडुब्बियां पारंपरिक डीज़ल-इलेक्ट्रिक श्रेणी की हैं, जिनकी ऑपरेशनल रेंज सीमित है।

तकनीक में भारत आगे

भारत ने ‘नेटवर्क-सेंट्रिक वॉरफेयर’ को अपनाया है, जिससे उसके सभी जहाज़ और विमानों को वास्तविक समय में सूचना मिलती है। भारत का स्वदेशी ‘सागरमाला’ और ‘सागर’ (Security and Growth for All in the Region) जैसे कार्यक्रम नौसैनिक प्रभाव को बढ़ाते हैं। DRDO द्वारा विकसित ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली भारत को सतह से सतह पर अति तीव्र गति से हमला करने की क्षमता देती है।

अरब सागर में भारत के कई ठिकाने

भारत के पश्चिमी तट पर स्थित नौसैनिक अड्डे (जैसे मुंबई, कोच्चि, कर्जत, करवार) से अरब सागर में शीघ्र प्रतिक्रिया दी जा सकती है। भारत ने अरब देश ओमान और ईरान (चाबहार) में नौसैनिक पहुंच सुनिश्चित की है, जिससे उसकी रणनीतिक गहराई बढ़ी है। हालांकि पाकिस्तान के साथ युद्ध में भारत को शायद ही इसका फायदा मिले, क्योंकि ईरान के पाकिस्तान से भी अच्छे संबंध हैं।

लगातार अभ्यास से युद्ध की तैयारियां 

भारत को पाकिस्तान पर युद्ध की तैयारियों में बढ़त हासिल है। दरअसल भारत संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के साथ नियमित नौसैनिक अभ्यास करता है जैसे मालाबार ( MALABAR) और वरुणा ( VARUNA) जिससे उसके क्रू को उच्च स्तर का युद्ध प्रशिक्षण प्राप्त है। पाकिस्तान का प्रमुख सहयोगी चीन है, परंतु वह अरब सागर में सीमित उपस्थिति रखता है। ऐसे में युद्ध में भारत निश्चित रूप से पाकिस्तान पर बहुत भारी पड़ेगा।

भारतीय नौसेना कर सकती है पाकिस्तान की नाकेबंदी

इन दिनों युद्ध की परिस्थियों में पाकिस्तान भारत द्वारा उसकी समुद्री नाकेबंदी (Naval Blockade) की चिंता से ग्रसित है। इस नाकेबंदी से भारत  पाकिस्तान के कराची बंदरगाह जैसे व्यापारिक व सामरिक जीवनरेखाओं को काट सकता है। 1971 के युद्ध में ऐसा हो चुका है। कारगिल के समय भी भारतीय नौसेना ने “ऑपरेशन तलवार” के तहत अरब सागर में पाकिस्तान की समुद्री आपूर्ति लाइन पर दबाव डाला था।  इसका प्रभाव पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर साफ दिखा। आज के दौर में देखें तो भारतीय नौसेना, संसाधन, तकनीक, प्रशिक्षण, रणनीतिक पहुंच और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के क्षेत्र में पाकिस्तान की नौसेना से कहीं आगे है। अरब सागर में भारत की यह बढ़त किसी संभावित संघर्ष की स्थिति में निर्णायक सिद्ध हो सकती है।

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