फ्रेंच कट दाढ़ी। सफेद बड़े-बड़े बाल। कोट और टाई। और, फर्राटेदार अग्रेंजी। ये पहचान हैं सैम पित्रोदा की। पित्रोदा एक बार फिर से चर्चा में हैं। जैसे विवाद और पित्रोदा की दोस्ती-यारी है। अब पित्रोदा ने चीन को भारत का दुश्मन नहीं बताकर और उससे संबंध सुधारने की वकालत कर फिर से सुर्खियां बन गये हैं। बीजेपी और दूसरी पार्टियों ने उनके बयान को लेकर कांग्रेस पर हमला किया तो कांग्रेस ने एक बयान जारी कर पित्रोदा के बयान से अपने को अलग कर लिया है। यानी पित्रोदा के बयान कांग्रेस के बयान नहीं है। आखिर कौन हैं अमेरिका में रहने वाले ये सैम पित्रोदा जो बीच-बीच में अपने विवादित बयानों के लिए सुर्खियं बन जाते हैं।
20 पीएचडी डिग्रियां होल्डर
सैम पित्रोदा का असल नाम है सत्यनारायण गंगाराम पित्रोदा। उनका जन्म ओडिशा के टिटलागढ़ में चार मई, 1942 में एक गुजराती परिवार में हुआ था। उनकी पहचान एक टेलिकम इंजीनियर के साथ ही भारत के शीर्ष अधिकारी के तौर पर रही है। उनके एक्स बॉयो में लिखा है-टेलीकम इंवेटर, एंटरप्रेन्योर, डेवलपमेंट थिंकर एंड पॉलिसी मेकर। उन्होंने वड़ोदरा के महाराज सयाजीराव विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री ली थी। इसके अलावा इसी विषय में अमेरिका के इलिनॉय इस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से भी मास्टर की डिग्री ली थी। उन्होंने 1966 में अमेरिका के शिकागो स्थित जीटीए से अपना करियर शुरू किया था। सैम पित्रोदा की वेबसाइट में बताया गया है कि उन्होंने अमेरिका में कई कंपनियां बनायी हैं। उनके पास 20 स्वैच्छिक पीएचडी की डिग्रियां भी हैं। टेलीकम्यूनिकेशन के संबंध में उनके थिसिस के कई पेपर भी पब्लिश हुए हैं। उन्होंने कई किताबें भी लिखी हैं।
राजीव गांधी और मनमोहन सिंह के रहे सलाहकार
सैम पित्रोदा पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और डॉ मनमोहन सिंह के सलाहकार भी रह चुके हैं। लेकिन उससे पहले वह पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ भी काम कर चुके हैं। 1984 में जब वह अमेरिका में थे, तब वह इंदिरा गांधी के आमंत्रण पर भारत लौटे और यहां सेंटर ऑफ डेवलपमेंट ऑफ टेलीमेटिक्स यानी सी-डॉट की स्थापना की जिसका मकसद भारत में टेलीफोन सुविधाओं का विकास और विस्तार करना था। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद प्रधानमंत्री बने राजीव गांधी के भी पित्रोदा सलाहकार रहे। लेकिन वह 1990 में अमेरिका लौट गये। वहां उन्होंने कई अमेरिकी यूनिवर्सिटी और भारतीय यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर चिकित्सा विज्ञान, टेक्नोलॉजी और आयुर्वेद के क्षेत्र में काम किया।
2009 में प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने पित्रोदा को सार्वजनिक सूचना संरचना एवं नवाचार के लिए अपना सलाहकार नियुक्त किया और उन्हें एक कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गयाा। 2010 में उन्हें नेशनल इनोवेशन काउंसिल का चेयरैमन भी नियुक्त किया गया था।
विवादों से नाता, व्यक्ति की मौत के बाद 55 फीसदी संपत्ति सरकार का हो
सैम पित्रोदा वर्तमान में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की कोर टीम में शामिल हैं और उनके करीबी माने जाते हैं। कांग्रेस ने ओवरसीज कांग्रेस का अध्यक्ष भी बना रखा है। एक साल पहले लोकसभा चुनाव के समय उन्होंने विरासत टैक्स के संबंध में बातें कही थीं जिन्हें लेकर विवाद हो गया था। उन्होंने अमेरिका की तरह भारत में किसी की मौत के बाद उसकी संपत्ति का 55 फीसदी हिस्सा सरकार द्वारा ले लेने के पक्ष में बयान दिया था। उनकी इस बात का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी मुद्दा बना दिया और कांग्रेस पर हमला किया था। इससे कांग्रेस ने पित्रोदा से अपने को अलग कर लिया था। उन्हें ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से भी हटा दिया गया था। लेकिन बाद में विवाद थमते ही उन्हें उनके पद पर बैठा दिया गया ।
भारतीयो को चाइनीज, अफ्रीकी और अरबी बताया
एक बार पित्रोदा ने एक न्यूजपेपर को दिये इंटरव्यू में भारतीयों के चेहरे-मोहरे के संबंध में विवादस्पद बयान देकर कांग्रेस को मुसीबत में डाल दिय था। उन्होंने कहा था कि हम भारत में विविधता के साथ रहते हैं। पूर्वोत्तर के लोग चाइनीज की तरह देखते हैं, पश्चिम के लोग अरबी की तरह दिखते हैं, उत्तर के लोग उजले दिखते हैं और दक्षिण के लोग अफ्रीकी दिखते हैं। एक बार 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपा ने 1984 के सिख दंगे का संबंध राजीव गांधी से जोड़ा तो सैम पित्रोदा ने कहा कि 84 में जो हुआ तो हुआ, आपने क्या किया। पित्रोदा ने राम मंदिर को बनाने को लेकर कहा था कि राम मंदिर से रोजगार नहीं मिलेगा। वहीं बालाकोट एयर स्ट्राइक पर कहा था कि कुछ आतंकियों के लिए पूरे पाकिस्तान को सजा नहीं दी जा सकती है। ( फोटो- X)