दो दिन पहले भारत को मुर्शिदाबाद हिंसा के संबंध में संदेश देने वाला बांग्लादेश फिर से हिंदुओं की हत्या रोक पाने में असफल हुआ है। इस बार फिर से बांग्लादेश में एक हिंदू नेता की अगवा कर और पीट पीट कर नृशंस हत्या कर दी गयी है।
हिंदू नेता बभेष चंद्र राय की हत्या का भारत ने कड़ी निंदा करते हुए बांग्लादेश के साथ अपना विरोध जताया है। भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने एक प्रेस नोट जारी कर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को हिंदुओँ पर हो रहे अत्याचार को रोकने को कहा है। जयसवाल ने कहा है कि यह हत्या अंतरिम सरकार के तहत हिंदू अल्पसंख्यकों के व्यवस्थित उत्पीड़न के पैटर्न का अनुसरण करती है, यहां तक कि पिछली ऐसी घटनाओं के अपराधी भी बेखौफ घूमते हैं। अल्पसंख्यकों पर भारत के पहले के रुख को दोहराते हुए, जायसवाल ने कहा कि हम इस घटना की निंदा करते हैं और एक बार फिर अंतरिम सरकार को याद दिलाते हैं कि वह हिंदुओं सहित सभी अल्पसंख्यकों की रक्षा करने की अपनी जिम्मेदारी को पूरा करे, बिना बहाने बनाये और भेदभाव किए।
बांग्लादेश के मीडिया में बताया गया है कि 58 साल के बभेष चंद्र राय को उनके घर से जबरन दूसरी जगह ले जाया गया और उनकी पिटाई की गई। वह अचेत अवस्था में मिले थे, जब उन्हें डॉक्टरों के पास ले जाया गया तो उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। इस तरह से बांग्लादेश में एक और हिंदू नेता की हत्या से वहां के हिंदुओं में डर भय और बढ़ा है। गौरतलब है कि हिंदू संन्यासी चिन्मय दास को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया है। बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बनी सरकार में हिंदुओं पर बहुत अत्याचार बढ़ गया है। नोबल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस इसे रोक पाने में विफल हुए हैं, बल्कि वह तो कट्टरपंथियों और जमात नेताओं के हाथ में कठपुतली बन गये हैं और भारत विरोध गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं।
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