रोहित शर्मा के भविष्य को लेकर मीडिया से लेकर क्रिकेट जगत में तमाम तरह की अफवाहें तैर रही हैं। लेकिन अब भारतीय कप्तान ने साफ कर दिया है कि चैंपियंस ट्रॉफी के बाद किसी भी फॉर्मेट में वह भारतीय टीम में नहीं होना चाहते हैं और न हि कप्तानी करना चाहते हैं। यानी चैंपियंस ट्रॉफी उनका आखिरी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट होगा।
रोहित ने बोर्ड को अपने फैसले से बताया
मीडिया सूत्रों को मुताबिक शनिवार को बीसीसीआई की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई थी जिसमें आईपीएल, डब्ल्यूपीएल, नये पदाधिकारियों के दायित्वों के साथ ही हाल में संपन्न बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भारत को मिली 1-3 से हार पर विचार-विमर्श किया गया। इस बैठक में रोहित शर्मा के अलावा हेड कोच गौतम गंभीर और मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर भी थे। इस बैठक में ही रोहित ने बोर्ड पदाधिकारियों को कहा कि वह अब आगे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेलना चाहते हैं। चैंपियंस ट्रॉफी ही उनका अंतिम टूर्मामेंट होगा। दरअसल चैंपियंस ट्रॉफी के बाद लंबा अवकास है। उसके बाद जून में ही भारत इंग्लैंड का दौरा करेगा और वहां पांच मैचों की सीरीज खेलेगा। तब तक रोहित टीम का हिस्सा नहीं रहना चाहते। पिछले आठ टेस्ट मैचों में अपने बल्ले से रन नहीं आने पर भी वह समझते हैं कि अब रिटायरमेंट ले लेना चाहिए।
गंभीर से मनमुटाव की खबर
रोहित शर्मा के कप्तानी से पीछे हटने का एक और कारण यह भी बताया जा रहा है कि ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान मेलबॉर्न टेस्ट हारने के तुरंत बाद वह रिटायरमेंट की घोषणा करना चाहते थे। संभवतः उनकी इस संबंध में गौतम गंभीर और अजीत अगर से भी बात हुई थी। लेकिन उसी दौरान रोहित को उनके शुभचिंतकों ने दौरे के बीच रिटायरमेंट की घोषणा नहीं करने को कहा था। क्योंकि बीच दौरे में ही आर अश्वीन रिटायरमेंट लेकर भारत लौट आये थे। अगर रोहित भी बीचे दौरे में ही रिटायरमेंट की घोषणा करते तो इससे अच्छा मैसेज नहीं जाता। तब रोहित ने रिटायरमेंट की घोषणा को टाल दिया था लेकिन स्वयं सिडनी टेस्ट में नहीं खेलने का फैसला किया था। लेकिन उनके रिटायरमेंट की घोषणा नहीं करने से गौतम गंभीर नाराज हो गये थे। और सिडनी ग्राउंड में तब यह दिखा जब भारतीय टीम प्रैक्टिस करने उतरी थी। गंभीर और रोहित के बीच बातचीत जरा नहीं हुई। उन दोनों में खिंचाव और तनाव स्पष्ट दिखा था।
लम्बे समय तक खेलने वाले को बनाया जाए कप्तान
सूत्रों का कहना है कि टेस्ट क्रिकेट में कप्तानी के लिए भारतीय पेसर जसप्रीत बुमराह के नाम पर आमतौर पर बोर्ड पदाधिकारियों में कोई आपत्ति नहीं हैं। लेकिन उनकी समस्या फीटनेस को लेकर भी है। बुमराह ने पर्थ टेस्ट में कप्तानी की थी। आखिरी सिडनी टेस्ट में भी उन्होंने कप्तानी की लेकिन पीठ में सूजन की वजह से वह दूसरी पारी में बॉलिंग नहीं कर पाये थे जिससे ऑस्ट्रेलिया ने आसानी से मैच जीत लिया था। बुमराह की फिटनेस समस्या टीम इंडिया के लिए एक बड़ी समस्या रही है। बहरहाल अब देखना है कि बीसीसीआई भारतीय टीम के कप्तान के तौर पर रोहित शर्मा के विकल्प के रूप में किसे चुनता है।